scriptसामाजिक समरसता और हमारी अध्यात्मिक संस्कृति का प्रतीक है कुम्भ – सीएम योगी आदित्यनाथ | CM Yogi Adityanath Statment On Samrasta Kumbh Prayag Kumbh 2018 | Patrika News
अयोध्या

सामाजिक समरसता और हमारी अध्यात्मिक संस्कृति का प्रतीक है कुम्भ – सीएम योगी आदित्यनाथ

सीएम ने लगाया आरोप दुनिया के एक कोने में बैठकर कुछ लोग लगातार भारतीय परंपरा को तोड़ने की कर रहे हैं साजिश

अयोध्याDec 15, 2018 / 03:50 pm

अनूप कुमार

CM Yogi Adityanath Statment On Samrasta Kumbh Prayag Kumbh 2018

सामाजिक समरसता और हमारी अध्यात्मिक संस्कृति का प्रतीक है कुम्भ – सीएम योगी आदित्यनाथ

अयोध्या : शनिवार को धार्मिक नगरी अयोध्या के डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर में आयोजित दो दिवसीय वैचारिक समरसता कुम्भ का उदघाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया | इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने की | इस आयोजन में देश के 2800 विद्वानों को आमंत्रित किया गया है ,जो प्रयागराज में होने वाले कुम्भ पर अपने विचार व्यक्त करेंगे | बताते चलें कि प्रयाग में होने वाले कुंभ आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालने और इस कुंभ आयोजन के उद्देश्य को बताने के लिए अयोध्या में समरसता कुंभ का आयोजन किया गया है | कार्यक्रम में मंच पर मौजूद विशिष्ट अतिथियों में बीजेपी सरकार में मंत्री डॉ महेंद्र सिंह,प्रभारी मंत्री रमापति शाश्त्री ,आरएसएस के सर कार्यवाही भगैय्या जी,आरएसएस के वरिष्ठ सदस्य जय प्रकश,पूना से आये गोविन्द देव गिरी ,सांसद लल्लू सिंह ,अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मनोज दीक्षित सहित हजारों के संख्या में लोग मौजूद रहे |

मंच से उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे देश में कुंभ एक ऐसा आयोजन होता है जहां व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं होता, क्षेत्र का भाषा का ,नाम का मत का ,संप्रदाय का कोई भेदभाव किसी के साथ नहीं होता | समरसता का ऐसा संगम भारत की परंपरा में ही दिखाई देता है | इस कुंभ के उपलक्ष्य में पांच स्थानों पर समरसता कुंभ के आयोजन का उद्देश्य ही है कि आखिरकार कुंभ का उद्देश्य क्या है यह बताया जा सके | आयोजन का उद्देश्य सिर्फ श्रेय लेना नहीं है | पांच स्थानों पर वैचारिक कुंभ दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी से शुरू हुआ, पहला कुंभ पर्यावरण की दृष्टि से पर्यावरण के बारे में बताने के लिए हुआ कि भारतीय संस्कृति में सिर्फ जीव मात्र के लिए बात नहीं की जाती बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड के हर जीव जंतु पेड़ पौधे की बात की जाती है | पहला कुंभ काशी में आयोजित किया गया दूसरा वैचारिक कुंभ वृंदावन की धरती पर किया गया ,भगवान कृष्ण की लीला भूमि पर संपन्न हुआ कुम्भ नारी शक्ति का प्रतीक रहा और तीसरा वैचारिक कुंभ भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में हो रहा है | चौथा वैचारिक कुंभ प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित होगा और पांचवा प्रयागराज धरती पर ही पूज्य संतों के सानिध्य में संपन्न होगा |
सीएम ने लगाया आरोप दुनिया के एक कोने में बैठकर कुछ लोग लगातार भारतीय परंपरा को तोड़ने की कर रहे हैं साजिश

कुंभ का वर्णन वेदों में किया गया है ,फिर भी कुछ लोगों द्वारा हमारी परंपरा की छवि खराब करने की कोशिश हुई ,हमें भी एक वातावरण बनाने की जरूरत है कि हमारा समाज किसी भी तरह से सामाजिक वैमनस्यता का समर्थन नहीं करता | ईश्वर के सामने कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए | सनातन धर्म के खिलाफ हर साजिश नाकाम होगी | कोई सनातन हिंदू धर्मावलंबी पीपल का पेड़ नहीं काटता बरगद का पेड़ नहीं काटता हम तो उसकी पूजा करते हैं | हमसे बड़ा पर्यावरण प्रेमी कौन हो सकता है | सीएम योगी ने कहा कि क्या यह विकृति नहीं कि जाने अनजाने में हम विदेशी खड़यंत्रों की चपेट में आकर अपने समाज को उस षड्यंत्र का हिस्सा बना दिया जो देश की गुलामी का कारण बना था | क्या यह सच नहीं है कि हम भी उन गुलामी के काल खंडों में उसी प्रकार से गुलामी की त्रासदी को झेलने के लिए मजबूर हुए चाहे वह किसी भी क्षेत्र का रहा हो , किसी भी जाति का रहा हो , किसी भी मजहब कर रहा हो ,अगर यह भेदभाव और अस्पृश्यता का भाव जो हम पर थोपा गया ,हमने स्वीकार नहीं किया होता तो मुझे विश्वास है कि देश कभी गुलाम नहीं होता | हमने इन खड़यंत्रों को पहचानने की अपनी शक्ति खो दी | यही कारण है कि हम अपनी संवेदना को भी खो दिया |

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