दरअसल राम जन्मभूमि को लेकर भले एक तरफ विश्व हिंदू परिषद तो दूसरी तरफ निर्मोही अखाड़ा ने मोर्चां संभाला हो। और रामलला विराजमान को न्याय दिलाने के लिए रामसखा के नाम से प्रसिद्ध हुए त्रिलोकी नाथ पांडेय व राम जन्मभूमि न्यास ने लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ी लेकिन देश में अलग—अलग जगह राम जन्मभूमि निर्माण के नाम पर कई ट्रस्ट बने और लोगों से आमदनी का जरिए बना लिया। ऐसे ट्रस्टों का न तो राम मंदिर आंदोलन से और न ही राम जन्मभूमि से कोई लेना देना है। अयोध्या के बड़े मंदिरों महंतों की माने तो करीब देश भर में दर्जनों ट्रस्ट चल रहे हैं। आधा दर्जन ट्रस्ट तो अयोध्या से ही संचालित हो रहे हैं। अब ऐसे ट्रस्टों की सूची तैयार कर कार्रवाई कराने की तैयारी चल रही है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि न्यास ही एक मात्र ऐसा ट्रस्ट है जो सीधे मंदिर मामले से जुड़ा हुआ है। इसके न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास हैं। इसके अलावा राम जन्मभूमि निर्माण न्यास, राम जन्मभूमि सेवा समिति, और राम जन्मभूमि निर्माण सेवा समिति को प्रस्तावित राम जन्मभूमि निर्माण को लेकर श्रद्धालुओं से दान ले रही हैं। बड़ी बात यह है कि इसके लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी राम भक्तों से दान प्राप्त करने के लिए शाखाएं खोल रखी हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाए जाने की समय सीमा तय होती ही स्थानीय मंदिरों में भी निर्माण के नाम पर दान देने की प्रकिया तेेेज हो गई है। राम मंदिर निर्माण को लेकर राम भक्तों के द्वारा दिए जा रहे दान को किसी गलत रूप में प्रयोग न कियाा जा सके इसके लिए अयोध्या के संत जल्द ही अधिकारियों सहित बनने वाले ट्रस्ट को अवगत कराएंगे।
राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य और महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी मंहत कमल नयन दास ने इस मामले को लेकर अधिकारियों को अवगत कराते हुए इन सभी समितियों की जांच कराने की बात कही है। वहीं बताया है कि अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से लेकर प्रधानमंत्री तक शिकायत की जाएगी। श्रद्धालुओं से भी यह अपील करता हूं कि अभी किसी को भी राम जन्मभूमि के निर्माण या फिर ईंट लगाने के नाम पर किसी को भी दान न दें। न्यायालय ने ट्रस्ट बनाने के लिए प्रस्तावित किया है। उसके बाद ही आप निर्माण के लिए सहयोग करें।