ऐसा माना जाता है कि जिस प्रकार मनुष्य अपने परिवार को हर सुख-सुविधा देने के लिए कार्य करते हैं उसी तरह मंदिरों में विराजमान भगवान को भी सजीव रूप में माना जाता है और उनको भी मौसम के अनुसार तरह-तरह के सुविधाएं उनके पुजारी देते हैं। लड़का लड़की जैसे ही मौसम का प्रभाव होता है उचित राम भगवान को सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती है चल रही भीषण गर्मी को देखते हुए मंदिर में विराजमान भगवान के लिए इसी वक्त कूलर के साथ हल्के कपड़े व मौसमी फल व आहार उपलब्ध कराए जाते हैं।
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि विवादित परिसर में रामलला बाल रूप में विराजमान हैं उनकी सेवा एक बच्चे की तरह होनी चाहिए लेकिन रामलला के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। दरअसल मेकशिफ्ट स्ट्रक्चर में जो कुछ भी व्यवस्था होती है वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही होती है जिसके चलते इस भीषण गर्मी में रामलला को एसी और कूलर भी मुहैया नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी तरफ अयोध्या के अन्य मंदिरों में भगवान के सामने कूलर एसी लगा दिए गए हैं यही नहीं गर्मी में भगवान के भोग में भी परिवर्तन होता है।भगवान के विग्रह को सुबह ठंडे पानी से स्नान कराया जाता है। सिर्फ यही नहीं गर्मियों में भगवान के भोग में भी परिवर्तन होता है ताकि उनके भोग की तासीर ठंडी बनी रहे।यही नहीं अगर किसी कारणवश मंदिरों में बिजली नहीं आ रही है तो जनरेटर की भी व्यवस्था होती है ताकि भगवान को हमेशा भीषण गर्मी में ठंडी हवा मिलती रहे। इसके ठीक विपरीत विवादित परिसर में रामलला को सिर्फ एक पंखा ही मुहैया कराया गया है।