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अयोध्या

पूजा स्थल अधिनियम 1991 कानून में संसोधन के लिए परमहंस दास ने पीएम मोदी लिखा पत्र

तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा मुगलों की मानसिकताओं पर चलने वाली कांग्रेस के द्वारा बनाई गई कानून जनहित में नही

अयोध्याMay 21, 2022 / 04:04 pm

Satya Prakash

पूजा स्थल अधिनियम 1991 कानून में संसोधन के लिए परमहंस दास ने पीएम मोदी लिखा पत्र

पूजा स्थल अधिनियम 1991 कानून में संसोधन के लिए परमहंस दास ने पीएम मोदी लिखा पत्र

अयोध्या. ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच अयोध्या के तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूजा स्थल कानून धारा 1991 को समाप्त करने के लिए पत्र लिखा है। परमहंस दास का आरोप है कि यह कानून उस समय बनाया गया था जब कांग्रेस सत्ता में थी। इसलिए इसे तत्काल समाप्त कर जनता के हितों में होने वाले कानून को बनाये जाए।
अंग्रेजों के भी समय काल में बने कानूनों में हो बदलाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र की जानकारी देते हुए तपस्वी छावनी के महंत परामहंस दास ने कहा कि कांग्रेस के समय में पूजा स्थल अधिनियम 1991 बना था उसको समाप्त करने के लिए आज धन्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है और हमने अमान किया कि इस अधिनियम को तत्काल समाप्त किया जाए इसके साथ ही अंग्रेजो के द्वारा भी बनाए गए कानून को समाप्त करके और जनता का ध्यान रखते हुए राष्ट्रहित का ध्यान रखते हुए जनसंख्या कानून समान नागरिक संहिता गौ रक्षा जैसे कानूनों को बनाने की आवश्यकता है क्योंकि जिस प्रकार से आबादी बढ़ रही है या देश के लिए घातक और चिंताजनक है इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून भी जल्द से जल्द बनना चाहिए समान नागरिक संहिता भी जल्द ही लागू हो सो गई कहां की पूर्व में एक बार कांग्रेस ने गौ रक्षा को लेकर गोलियां चलवा दी थी। इसलिए अब आवश्यक है कि एक बार फिर से संविधान में संशोधन किया जाए।
देश में लागू हो जनसंख्या नियंत्रण, सामान नागरिक संहिता और गौ रक्षा कानून

वही बताया कि 1991 अधिनियम के संविधान की बदलाव को लेकर बताया कि जो मानसिकता मुगलों की रही है वहीं मानसिकता कांग्रेस की भी रही है और कांग्रेस भी कहीं ना कहीं से भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात करती रही है। कांग्रेस इस तरह का ही बर्ताव करता रहा है। यह कानून 1991 अधिनियम बनाया गया था 1947 के पहले जो धर्म स्थल जैसे हैं वह यथावत रहेंगे। इसलिए यह आवश्यक है जिनको आक्रांताओं और आतंकवादियों के द्वारा ऐतिहासिक धर्म स्थलों को तोड़ा गया था और यदि जांच होने के बाद यह साबित होता है कि यह धर्म स्थल किसका है तो यह जो बीच में ब्रेकर आ रहा है पूजा अस्थल अधिनियम 1991 इस को तत्काल हटाने की आवश्यकता है
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