त्रेता युगीन होगी महाराजा दशरथ का मंदिर अयोध्या में भगवान श्री राम भव्य मंदिर निर्माण के साथ राम नगरी अयोध्या को त्रेता युग की नगरी बनाए जाने की कवायद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। जिसके लिए सभी प्राचीन मंदिरों स्थलों को विकसित करने की योजना है। वही भगवान राम के मंदिर निर्माण से पहले उनके पिता महाराजा दशरथ के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है इस मंदिर को त्रेता युग के महल की तरह सजाए जाने की योजना है।
51 फुट ऊंचा होगा महाराजा दशरथ मंदिर का शिखर अयोध्या रामकोट क्षेत्र स्थित दशरथ महल में प्राचीन दशरथ मंदिर को तैयार करने का कार्य शुरू हो चुका है। इस मंदिर को विशेष आर्किटेक के माध्यम से डिजाइन किया गया है इस मंदिर की ऊंचाई 51 फीट होगी जिसमें महाराजा दशरथ के साथ भगवान राम लक्ष्मण भरत व शत्रुघ्न के बाल स्वरूप की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साथ ही मंदिर में भव्य जगमोहन के साथ सत्संग भवन का भी निर्माण किया जाएगा।जिसमें 1000 पंडित एक साथ बैठकर पाठ कर सकेंगे।
प्राचीन दशरथ महल के महंत बिंदुगद्दाचार्य देवेंद्र प्रसादाचार्य ने बताया कि दशरथ जी का यह स्थान बहुत ही प्राचीन स्थल है और बहुत से भक्तों की आस्था यहां से जुड़ी हुई है बताया कि न्यायालय ने भगवान श्री राम की भव्य मंदिर निर्माण को लेकर सुंदर फैसला सुनाया है जब से मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है सबसे भक्तों में बड़ा ही उल्लास है भक्तों की इच्छा थी कि भगवान श्री राम का सुंदर मंदिर बन रहा है तो उनके पिता महाराजा दशरथ का भव्य मंदिर बने। इसलिए भक्तों की इच्छा के अनुरूप और प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या को सजाने संवारने की योजना को लेकर हम लोगों ने भी निर्णय लिया कि अपने स्थानों को भी सजाने और संवारने का कार्य करें इसी परिपेक्ष में यह निर्णय लिया गया है कि दशरथ जी के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाए। और इस मंदिर को इस तरह सजाया और संवारा जा रहा है कि आने वाले भक्तों को यह महसूस हो कि त्रेता कालीन भगवान श्री राम के पिता राजा दशरथ के महल में पहुंचे हैं।