राम नगरी में 2 तरीके के संत हैं एक शरण जो मां जानकी के उपासक होते हैं और दूसरे दास जो भगवान राम की उपासना करते हैं। ऐसे में भगवान राम के उपवास को से यहां से विवाह की बारात निकाली जाती है। मां जानकी के उपासको के यहां यह बरात पहुंचती है। जहां वैदिक रीति-रिवाज के साथ सनातन संस्कृति की धार्मिक मान्यताओं के आधार पर विवाह संपन्न किया जाता है। भगवान श्री राम माता सीता के विवाह की प्रथा आज भी राम नगरी में जीवंत है।
धार्मिक मान्यता है कि विवाह पंचमी की तिथि को भगवान राम माता सीता का विवाह हुआ था। यह प्रथा आज भी राम नगरी में जीवंत है विवाह पंचमी की तिथि को मंदिर और मूर्तियों के शहर में हर मठ मंदिरों में भगवान राम के विवाह के भव्य आयोजन किए जा रहे हैं।