विहिप की विराट धर्मसभा और शिवसेना के कार्यक्रम को लेकर डर के साए में रह रहे हैं लगभग 50 परिवार मोहल्ले में रहने वाले गुमनाम अली ने बताया कि उनकी आंखों से वह मंजर कभी मिट नहीं सकता जब 6 दिसंबर सन 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराने के बाद कारसेवकों ने अयोध्या में तोड़फोड़ आगजनी और हंगामा किया था | वैसे तो उस समय पहले ही ज्यादातर मुस्लिम परिवार के लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन कर चुके थे लेकिन जो बचे थे उनके साथ बहुत बुरा सलूक हुआ कुछ ऐसे ही हालात फिर से पैदा होते हमें लग रहे हैं | इसलिए हमने मन बनाया है कि हम अपने परिवार की महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दें | जिससे कि अगर हालात खराब हो तो हम अपने परिवार की सुरक्षा कर सकें | मोहल्ले में रहने वाले ही एक अन्य युवक मोहम्मद जमील ने बताया कि हमारा घर विवादित परिसर के बेहद करीब है इसलिए अगर यहां पर कोई हंगामा होता है तो सबसे पहले हम उसका शिकार हो जाएंगे | मोहम्मद जमील ने कहा कि हालांकि पुलिस बहुत तैनात है इसलिए मन में विश्वास है कि कुछ बुरा नहीं होगा लेकिन फिर भी मामला परिवार से जुड़ा है इसलिए रिस्क नहीं ले सकते |
इसी मोहल्ले के करीब साल 2005 में हुआ था लश्कर का फिदायीन हमला मारे गये थे पांच आतंकी बताते चलें कि अयोध्या के कटरा सुतहटी मोहल्ले में बड़े पैमाने पर मुस्लिम आबादी रहती है और यह इलाका राम जन्मभूमि विवादित परिसर के बेहद करीबी है | साल 2005 में इसी मोहल्ले के पास आतंकवादी हमला भी हुआ था जिसमें पांच आतंकी मारे गए थे और इस बार अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना एक बड़ा कार्यक्रम कर रही है | जिसके कारण न सिर्फ समुदाय विशेष के लोगों में बल्कि अयोध्या की आम जनता में भी एक डर सा बैठ गया है कि राम मंदिर को लेकर विद्या में कोई हंगामा या बवाल ना हो जाए | फिलहाल इन सब बातों से उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं जिससे अयोध्या के अमन चैन में खलल ना पड़े |