बाजे बाजे के साथ निकाली गई शोभायात्रा
महंत नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव पर अयोध्या के मणिराम दास छावनी से बाजे गाजे और रथ के साथ विशाल शोभायात्रा निकाली गई जो जानकी घाट, रामघाट, रानीबाजार, हनुमानगढ़ी, श्रृंगार घाट, प्रमोदवन होते हुए पुन: वापस मणिराम छावनी पर समाप्त हुआ। इस बीच देश भर से आए भक्त दर्शन करने के लिए उमड़े रहे और अपनेेेे गुरु के जन्मोत्सव पर नाचते और झूमते रहे तथा वहीं अयोध्या के साधु संत भी जन्मोत्सव की बधाई देने लिए मणिराम दास छावनी पर पहुंचे।
राम मंदिर निर्माण ही आखरी सपना श्री रामजन्मभूमि नाथ के अध्यक्ष मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास ने अपने जन्मदिन पर पत्रिका टीम से खास बातचीत में बताया कि आज हमारा 80 वाँ जन्म उत्सव का कार्यक्रम लोग मना रहे हैं, लेकिन हमारा अंतिम सपना है कि भगवान श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या के राम जन्मभूमि पर बने तथा देश में अखंडता के साथ अयोध्या का विकास हो, मां सरयू की पवित्रता बनी रहे, इसके लिए नदी में गिरने वाले सभी नाले बंद हों तथा बताया कि हमारा जीवन समाज और भगवान के चरणों में सेवा के लिए रहा है।
संत व हजारों की संख्या में पहुंचे भक्त इस मौके पर मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी कमल नयन दास, दशरथ महल बड़ा स्थान के महंत बिंदुगद्वाचार्य, महंत अर्जुन दास, महंत कन्हैया दास, नाका हनुमान गढ़ी के महंत राम दास, महंत गिरीश दास के साथ अयोध्या विधायक वेद गुप्ता, नगर निगम अयोध्या के मेयर ऋ षिकेश उपाध्याय तथा हजारों की संख्या में भक्त मौजूद रहे।
केवल इच्छा शक्ति की जरूरत है
्रश्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के 80 वें जन्मोत्सव पर देशभर के संतों अयोध्या पहुंचे मणिराम दास की छावनी में जन्मोत्सव कार्यक्रम के प्रारंभ में भानु पूरा पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने दीप प्रज्वलन कर प्रारंभ किया, उसके बाद जन्मोत्सव कार्यक्रम के शुभारंभ में भगवान श्री राम कथा आरंभ हुआ। इस कार्यक्रम के दौरान संबोधित करते हुए भानुपुरा पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी दिव्यानंद ने कहा कि मानीषियों का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्तोत्र है हम अपने आदर्शों को प्रज्वर नहीं कर पा रहे हैं आज की परिस्थिति अनुकूल है अब अतिशीघ्र राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होना जाना चाहिए। अगर यह सिर्फ भूमि का झगड़ा है तो इसे डीएम स्तर पर भी हल हो सकता है केवल इच्छा शक्ति की जरूरत है।
अखिल भारतीय आचार्य सभा के अध्यक्ष स्वामी परमात्मानंद ने बताया कि संत समाज के प्रेरणा स्त्रोत होते हैं, यूनाइटेड नेशन ने भी माना है कि सबसे पुरानी ग्रंथ वेद है तथा सबसे पुरानी संस्कृति हिंदू संस्कृति है इस संस्कृति की परिणाम व विशेषता यह है कि यहां अनेकों भगवान ने अवतार लिया है अयोध्या में युगल सरकार की लीला हुई है आज कल विकास की बात होती है या तभी संभव है जब चरित्र सुदृण होगा महंत नृत्य गोपाल दास जी की इच्छा तो राम मंदिर बनाना है लेकिन इनका यह भी मानना है कि देश में धर्म की स्थापना हो, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि महान ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि भारतीय तीर्थ परंपरा अवतार परंपरा है प्रभु राम का चरित्र पूरे विश्व की आवश्यकता है क्योंकि समस्या बढ़ रही है इसलिए आवश्यकता है कि हम अपनी परंपरा में लौट आएं।