वैदिक शिक्षा व्यवस्था के उत्थान के लिए दीवालों पर उकेरे जा रहे हैं चित्र युवा वर्ग दिखा रहा है खासा उत्साह इस आयोजन के माध्यम से गुरुकुल शिक्षण पद्धति से सम्बंधित चित्रो का निर्माण किया जायेगा . इसका उद्देश्य है कि वर्तमान में सभी छत्र छात्रए आधुनिक शिक्षा को ही समझ रहे है और उसी व्यवस्था में पल रहे है इसलिए वशिष्ठ गुरुकुल में वैदिक सभ्यता से शिक्षा व्यवस्था चित्रों के माध्यम से इस व्यवस्था को समझ सके . क्योकि वैदिक शिक्षा व्यवस्था जो हमारी शिक्षा पद्धति की रीढ़ रही है चाहे वो वैदिक गणित , वैदिक व्याकरण या वास्तुशास्त्र हो उसका को कोई जोड़ आज की शिक्षा में नहीं है . इसलिए इस बिलुप्त होती विधा को आज का युवा जाने जिससे इसे प्राचीन शिक्षा व्यवस्था को बचाया जा सके .यह प्राचीन शिक्षा व्यवस्था सिर्फ यहीं नहीं बल्कि अयोध्या को विश्व के पटल पर हैरिटेज सिटी के रूप विकसित कर सके इसके लिए आने वाले समय में अपने ऐतिहासिक सांस्कृतिक , प्राचीन विरासत को देखते हुए यह
कार्य पुरे अयोध्या में निरंतर रूप से किया जाएगा . कार्यक्रम में मौजूद फैजाबाद के डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति डा मनोज दीक्षित ने बताया कि विश्व विद्यालय के छात्रो के दवारा गुरुकुल व्यवस्था की परिकल्पना थी उस तरह का वातावरण दिखे इस लिए गुरुकुल की सभी दिवालो पर पेंट के माध्यम से चित्रकारी की जा रही है .इस प्राचीन शिक्षा व्यवस्था का और प्रचार प्रसार हो ऐसा प्रयास विश्वविद्यालय चित्र कला विभाग द्वारा किया जा रहा है .