दो जुलाई को हो सकता है भूमि पूजन दरअसल पहले पीएम मोदी खुद अयोध्या आकर इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले थे, लेकिन अब कोरोना महामारी की वजह से पीएम मोदी नहीं आ पा रहे। राम मंदिर के लिए भूमि पूजन जुलाई के पहले हफ्ते में किया जाएगा। इसमें दो जुलाई की तिथि फाइनल मानी जा रही है। भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अपनी तैयारी जोरों से शुरू कर दी है। वहीं अयोध्या जिला प्रशासन ने मंदिर निर्माण के पहले होने वाले भूमि पूजन के लिए जुलाई के पहले हफ्ते के कार्यक्रम को देखते हुए हुए प्रस्ताव योगी सरकारको भेजा है। दरअसल 16 जुलाई को सूर्य देव के दक्षिणायन हो जाएगा और उसके बाद यह कार्यक्रम नहीं हो सकता। इसलिए भूमि पूजन हर हाल में उससे पहले ही करना होगा। इस प्रस्ताव को योगी सरकार ने मौदी सरकार के पास भेज दिया है। भूमि पूजन का यह कार्यक्रम तय माना जा रहा है।
सीएम योगी देखेंगे तैयारी वहीं भूमि पूजन के कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार अयोध्या आकर सारी तैयारियों को देखेंगे। फिलहाल अयोध्या में भूमि पूजन के लिए पूरी तरह से तैयारी शुरू हो गई है। मानस भवन में हुई बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई। आने वाले मेहमानों की सूची समेत दूसरे जरूरी बिंदुओं पर चर्चा भी हो चुकी है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सदस्य डॉ. अनिल मिश्र सहित तमाम लोग तैयारियों में पूरी तरह से जुट गए हैं।
इन योजनाओं का भी होगा लोकार्पण अयोध्या में भूमि पूजन के बाद जिन पूरी हो रही योजनाओं का लोकार्पण करवाने की तैयारी है, उनमें 133 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे रामायण सर्किट, भजन स्थल, दिगम्बर अखाड़ा में संत निवास, पंचकोसी परिक्रमा पथ का चौड़ीकरण, वहां 100 शौचालयों और विश्राम स्थल का निर्माण, राजकीय निर्माण निगम द्वारा करवाया जा रहा कोरिया पार्क का सुन्दरीकरण, गुप्तार घाट और लक्ष्मण घाट का विस्तार, राम की पैड़ी का सुन्दरीकरण व री-माडलिंग समेत कई काम शामिल हैं। इसके साथ ही अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय और रामकथा पर आधारित वर्चुअल म्यूजियम, तुलसी स्मारक भवन आदि के निर्माण की शुरुआत भी हो सकती है।