राम नगरी अयोध्या सहित देश भर में श्री राम महोत्सव के आयोजन को लेकर विश्व हिंदू परिषद रणनीति के साथ इसके स्वरूप को तैयार कर रहा है। अयोध्या में आयोजित दो दिवसीय विहिप मुख्यालय कारसेवकपुरम में अवध प्रान्त के 22 जिलों के पदाधिकारियों की बैठक में जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। विहिप के मुताबिक देश के प्रत्येक जिले के सभी प्रमुख मंदिरों पर यह आयोजन किया जाएगा। वही अयोध्या में श्री राम महोत्सव के बीच ही श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। आज की इस बैठक का शुभारंभ विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय व क्षेत्र संगठन मंत्री अम्बरीश द्वारा किया गया।
इस बैठक को लेकर क्षेत्र संगठन मंत्री अम्बरीश ने बताया कि देश में श्री राम महोत्सव के आयोजन को लेकर संतों ने निर्णय लिया है कि यह आगामी चैत्र नवरात्रि प्रारम्भ से लेकर हनुमान जयंती के बीच किया जाएगा। और जितने भी छोटे बड़े प्रमुख मंदिर हैं, वहां राम महोत्सव मनाया जाएगा। और विकास खंड केंद्रों पर इस उत्सव को लेकर शोभा यात्रा भी निकाली जाएगी। वहीं बताया कि श्री राम महोत्सव को माध्यम बनाकर 450 वर्षों बाद श्री राम जन्मभूमि पर मिली सफलता का हर्ष सड़कों पर दिखाई पड़ेगा।
वहीं विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा के मुताबिक श्री राम महोत्सव का आयोजन देश के कई स्थानों पर किया जाना है। 2 लाख 75 हजार गांव की चर्चा की जा रही है। 1989 में 8 नवंबर को जो शिला पूजन का कार्यक्रम हुआ था, वह राष्ट्रव्यापी था। उस दौरान एक-एक शिलाएं व सवा रुपया राम भक्तों से लिया गया था और दिव्य भव्य मंदिर निर्माण के मार्ग को प्रशस्त करने के लिए आयोजन किया गया था। उसी प्रकार से श्री राम महोत्सव का आयोजन देश के लाखों स्थानों पर किया जाएगा। या बैठक दो दिवसीय है। वहीं बताया कि ट्रस्ट गठन के बाद ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होना है, जिसको लेकर संतों की एक अपनी अभिव्यक्ति है कि रामनवमी से निर्माण कार्य प्रारंभ हो तो जैसा संतों का आदेश होगा, उसका पालन हम सभी करेंगे और हम लोग भी चाहते हैं कि मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो। ट्रस्ट के गठन के बाद ही यह तय किया जाएगा कि किस प्रकार से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो।