रामजन्मभूमि परिसर की साफ सफाई और उसके समतलीकरण का काम 11 मई से चल रहा है। इस बीच समतलीकरण के दौरान यहां मंदिर के अवशेष मिले हैं, जिसमें आमलक, शिवलिंग, कलश, पाषाण के खंभे, देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, प्राचीन कुआं और चौखट आदि शामिल हैं। खुदाई के दौरान मिलीं यह मूर्तियां विक्रमादित्य काल की बतायी जा रही हैं। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े चंपत राय ने बताया कि समतलीकरण के काम में तीन जेसीबी, एक क्रेन, दो ट्रैक्टर और 10 मजदूर लगाए गए हैं।
चंपत राय के मुताबिक लॉकडाउन हटते ही ट्रस्ट की बैठक होगी जिसमें मंदिर निर्माण की तिथि की घोषणा की जाएगी। इसके पहले मंदिर निर्माण के लिए पूरे परिसर को साफ करा दिया जाएगा। जमीन समतल हो जाएगी ताकि जल्द काम शुरू हो सके। मंदिर परिसर के अंदर कुछ संरक्षित मंदिर भी हैं जिनमें सुग्रीव टीला आदि शामिल हैं। इस संबंध में भी बात की जाएगी।
यह मिला परिसर से
देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां
पुष्प कलश, अम्लक, दोरजाम्ब आदि कलाकृतियां
मेहराब के पत्थर, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ
6 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ
5 फुट की नक्काशीयुक्त शिवलिंग की आकृति
क्या कहना है संतों का
1. मूर्तियों का मिलना यह बताता है कि कि पहले से ही भगवान श्री राम का भव्य मंदिर उस स्थान पर था। मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण हुआ इससे यह भी साबित होता है।
-रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास
2. मिले अवशेष 2000 वर्ष पुराने हो सकते हैं। इन पर भगवान की प्रतिमा का स्वरूप, चक्र, तीर, धनुष शिवलिंग स्तंभ पर विभिन्न आकृतियां बनी हैं। यह सिद्ध होता है कि इस स्थल पर मंदिर को तोड़ा गया था।
-आचार्य सत्येंद्र दास, रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी