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अयोध्या

फैसला आने के बाद ढांचा ध्वंस की बरसी पर अयोध्या में सुरक्षा घेरा सख्त

खबर के मुख्य बिंदु
– पहले से ही अयोध्या में लागू है धारा 144 किसी भी सार्वजनिक आयोजन पर रोक
– इस बार ख़ुशी और गम मनाने पर प्रतिबंध विहिप नही करेगा कोई आयोजन
– जोन और सेक्टर बनाकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को बांटी गयी ज़िम्मेदारी

अयोध्याDec 04, 2019 / 06:56 pm

अनूप कुमार

Security was increased in Ayodhya on anniversary of Dhancha Dhvans

फैसला आने के बाद ढांचा ध्वंस की बरसी पर अयोध्या में सुरक्षा घेरा सख्त

अयोध्या : राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद मुकदमे में रामलला के पक्ष में फैसला आने के बाद अयोध्या में विवादित ढाँचे की ध्वंस की बरसी पर सुरक्षा के इंतजाम बेहद चुस्त रहेंगे | इस बार ये तारीख इसलिए भी बेहद ख़ास है क्यूँ कि फैसला आने के बाद कई कट्टरपंथी संगठनो के निशाने पर अयोध्या आ गयी है | ऐसे में अयोध्या में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये गए हैं | बताते चलें कि अयोध्या फैसले को लेकर पहले से ही अयोध्या में सुरक्षा घेरा बेहद सख्त है और जगह जगह बैरियर लगाए गए हैं और रास्तों को बंद किया गया है |

जिला प्रशाशन ने शांति समितियों की बैठक कर समाज में आपसी भाईचारा और सौहार्द को कायम रखने की कवायद की जा रही है। मिश्रित आबादी वाले संवेदनशील इलाकों में विशेष सतर्कता का निर्देश दिया गया है।6 दिसंबर के कार्यक्रम के मद्देनजर शहर पुलिस की ओर से शहर क्षेत्र में पुलिस बल ने गश्त किया। गश्त के माध्यम से लोगों को निर्भय होकर आम जनजीवन में व्यस्त रहने का भरोसा दिया और असामाजिक तत्वों को संदेश दिया कि कोई गलत हरकत करने पर उनसे निपटने के लिए पुलिस बल तैयार है। सिटी मजिस्ट्रेट सत्यप्रकाश और क्षेत्राधिकारी नगर अरविंद कुमार चौरसिया की ओर से भारी पुलिस बल के साथ शहर क्षेत्र में जांच और तलाशी अभियान भी चलाया गया। ढांचा ध्वंस की बरसी को सकुशल संपन्न कराने के लिए शहर से देहात तक पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। शहर के मिश्रित आबादी वाले संवेदनशील मोहल्लों समेत देहात क्षेत्र के भदरसा,रुदौली,रौनाही आदि क्षेत्रों में विशेष निगरानी कराई जा रही है।
जिला प्रशासन ने 4 जोन और 12 सेक्टरों में बांटकर निगरानी की व्यवस्था बनाई है। ढांचा ध्वंस की बरसी 6 दिसंबर पर परंपरागत रूप से साधु संतों और विहिप की ओर से शौर्य दिवस तथा मुस्लिम पक्ष की ओर से योमें गम का आयोजन किया जाता रहा है।हालांकि इस बार साधु-संतों और विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला रामलला के पक्ष में सुनाए जाने के बाद शौर्य दिवस न मनाने का निर्णय लिया है,जबकि मुस्लिम पक्ष की ओर से योग में गम मनाया जाएगा। हालांकि यह आयोजन सार्वजनिक नहीं होगा फिर भी टेढ़ी बाज़ार स्थित बाबरी मामले के पक्षकार हाजी महबूब के घर लोग जुटेंगे , वहीँ इस मामले के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी ने कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया है और किसी भी तरह का आयोजन न करने की बात कही है |

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