कोरोना महामारी से राम नगरी अयोध्या में चल रहे श्री राम जन्मोत्सव को लेकर आज भक्त और भगवान के बीच की दूरियां बढ़ा दी है लेकिन अब मंदिरों में रहने वाले संतों के निर्णय ने इन दूरियों को समाप्त कर दी है और जिसका माध्यम सोशल मीडिया को चुना है दरअसल राम मंदिर के पक्ष फैसला आने के बाद चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर राम जन्मभूमि में विराजमान भगवान श्री रामलला को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन नए स्थान पर चांदी के सिंहासन पर विराजमान भगवान श्री राम लला का दर्शन दुनिया भर से आने वाले भक्तों को नहीं मिल सका वही चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव बनाया जाना है उसके पूर्व अयोध्या के सैकड़ों मंदिरों में भगवान श्री राम के जन्म उत्सव को लेकर विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जा रहे हैं और इन आयोजनों में लेकिन इस बार देश में फैले संक्रामक महामारी के कारण भक्तों अयोध्या नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसलिए अयोध्या कि मठ मंदिरों में हो रहे आयोजन को भक्तों के बीच पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का माध्यम चुना है और मंदिरों में हो रहे विभिन्न प्रकार के आयोजन बधाई गीत, रामचरितमानस पाठ व भव्य आरती को फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम व व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों को भगवान का दर्शन कराया जा रहा है। वही रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भगवान श्री रामलला के जन्मोत्सव तक प्रत्येक दिन अस्थाई भवन में विराजमान भगवान श्रीरामलाल के श्रृंगार आरती के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जा रही है।
रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने देश के लोगों से अपील करते हुए कहा कि करुणा को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो अपील किया है इस को ध्यान रखते हुए लोग अपने-अपने घरों में ही रहे। वही बताया कि अयोध्या में हो रहे श्री राम जन्मोत्सव को लेकर अयोध्या के लोगों ने देश के राम भक्तो तक भगवान की छवि को पहुंचाने के लिए एक रास्ता निकाला है। कि इस बार भगवान श्री राम के जन्म उत्सव में शामिल होकर रामलला का दर्शन करें इसके लिए प्रयास किया जा रहा है कि देशभर के राम भक्तों को अयोध्या आने की जरूरत नही है। अगर आप अपने घरों से निकलेंगे तो कोरोना संक्रमण का प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए अब अपने घरों पर बैठे ही अयोध्या में होने वाले श्री राम के जन्मोत्सव और रामलला का दर्शन बड़े ही आसानी से सोशल मीडिया के माध्यम से कर सके ऐसा प्रयास अयोध्या के संत कर रहे है।