अयोध्या कर प्रमोदवन छोटी कुटिया कर पास स्थित अपने पूर्वजों द्वारा बनाया गया दो कमरे में स्थित सिलाई की दुकान शंकरलाल केवल मंदिरों में विराजमान भगवान की ही वस्त्र की सिलाई अपने भाई पहाड़िया श्रीवास्तव के साथ करते हैं। और अब अपने बच्चों को भी इस कार्य की शिक्षा दें रहे हैं। शंकरलाल के पीढ़ियों से विवादित परिसर में विराजमान भगवान श्री राम लला का कपड़ा बनाते रहे हैं आज भी रामलला का वस्त्र विभिन्न रंगों में सिलाई करते हैं जिसके लिए इन्हें सिलाई किए जाने को लेकर पत्र के साथ सिलाई का पूरा पैसा भी सरकार द्वारा दिया जाता हैं।
शंकर लाल श्रीवास्तव ने पत्रिका टीम से खास बातचीत में बताया कि आवश्यकतानुसार सभी कार्य भगवान की कृपा से पूरा हो जाता है। आज भगवान की सेवा में हमारे चार पीढ़ियों ने अपनी पूरी जिंदगी बिता दी और आगे भी उन्हीं की सेवा करते रहेंगे। साथ ही बताया कि मंहगाई का असर इस धंधे में भी पड़ा है। जिससे सिलाई किए जाने संबंधित सभी सामान महंगा हुआ है। लेकिन सिलाई का मेहनताना उस अनुपात में नहीं बढ़ा। केवल गनीमत यही है कि ड्रेस के कपड़े मंदिर के प्रबंधक ही देते हैं। बड़े मंदिरों में दिन के अनुसार खास रंग की ड्रेस तैयार की जाती है। यह ड्रेस दिन विशेष के हिसाब से पहनाई जाती है। आज शंकरलाल की इच्छा यही है कि अयोध्या में भगवान राम लला का भव्य मंदिर बनेगा तो भगवान के लिए भी मैं ही वस्त्र बनाऊ। अब समय आ रहा है। अब समय आ गया हैं राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।’