अयोध्या. रामनगरी में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) द्वारा मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन पर खड़े हुए विवाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रस्ट से पूरी रिपोर्ट तलब की है। इस बीच ट्रस्ट ने इस पूरे प्रकरण पर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजी है। साथ ही पूरे मामले से राष्ट्रीय स्वंय संघ और विहिप की केंद्रीय कार्यकारिणी को भी अवगत करा दिया है। ट्रस्ट का कहना है कि उसके खिलाफ राजनीतिक साजिश है। जमीन खरीदी में कोई घोटाला नहीं हुआ है।
ट्रस्ट ने दी सफाई मंगलवार को ट्रस्ट ने भाजपा और संघ को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें भूमि खरीद की कीमतों पर विस्तार से सफाई दी गई है। ट्रस्ट ने जमीन खरीद को लेकर कुछ नए तथ्य भी जारी किए हैं। कहा गया है जमीन रेलवे स्टेशन के पास प्राइम लोकेशन पर है। यहां जमीन की कीमत कम से कम 3000 रुपए प्रतिवर्ग फीट है जबकि ट्रस्ट ने 1423 रुपए प्रति वर्ग फीट की कीमत अदा की है। जबकि जमीन की डील पिछले 10 साल से चल रही थी, जिसमें 9 लोग शामिल थे। सभी भुगतान सीधे खाते में ही किए गए हैं। इसलिए कहीं कोई घपला नहीं हुआ। टैक्स में कोई चोरी नहीं की गई है।
सुल्तान ने भी कहा-सौदा वैध इस बीच बाग बिजेसर की जमीन का बैनामा करने वाले सुल्तान अंसारी ने कहा है कि ट्रस्ट को दी गई जमीन का बैनामा और मेरे द्वारा ली गई 18 करोड़ पचास लाख की रकम पूरी तरह वैध है। वहीं पहली बार मीडिया के सामने आए ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने कहा कि खरीदी गई जमीन में पूरी पारदर्शिता है। जबकि, जमीन खरीद के दूसरे गवाह मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा कि 18 करोड़ पचास लाख में 100 बिस्वा जमीन खरीदी गई, जबकि बाजार में 20 से 40 लाख रुपए बिस्वा मूल्य की जमीन है। जमीन के सामने अयोध्या रेलवे स्टेशन का मुख्य द्वार है। इस कारण वहां की जमीन कुछ कीमती है।