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अयोध्या

अयोध्या के संतों ने कहा वेदों को समाप्त करने के लिए चल रहा है षड़यंत्र

कारसेवक पुरम में महर्षि वशिष्ठ विद्या समिति द्वारा संचालित श्रीराम वेद विद्यालय द्वारा आयोजित “वेद पूजन “समारोह का हुआ आयोजन 

अयोध्याSep 11, 2017 / 11:45 am

अनूप कुमार

Shri Ram sanskrit vidyalay Ved Poojan Programe News In Hindi
अयोध्या .वेद को समाप्त करने का चलता रहा षड्यंत्र, जो आज भी सनातन विरोधी तत्वों के माध्यम से जारी है परंतु वेद लुप्त होने वाला नहीं है क्योंकि यह साक्षात भगवान यानी हिन्दू समाज का मेरूदंड है ,यह विचार कारसेवक पुरम में महर्षि वशिष्ठ विद्या समिति द्वारा संचालित श्रीराम वेद विद्यालय द्वारा आयोजित “वेद पूजन “समारोह के मुख्य वक्ता जगदगुरू रामानुजाचार्य राघवाचार्य ने कहा वेद संहिता मात्र नही यह ब्रह्मस्वरूप है,जो पढने के उपरांत ही पूर्ण होता है। वेदोSखिलो धर्ममूलम् -वेद ही धर्म का मूल है।उन्हो ने कहा वेद दिव्यता से परिपूर्ण है। प्रत्येक युग का कर्म ईश्वर ने लिपिबद्ध कर दिया है. जिस जीवन और कर्म को मनुष्य आज जी रहा है वह तो वेद मे पूर्व निर्धारित हो चुका है।श्रवण मात्र से ही वेद की श्रृचाये कल्याणकारी सिद्ध हो ऐसे वेद का संरक्षण संवर्धन आवश्यक है.अपने आशीर्वचन मे सदगुरूसदन गोलाघाट के महंत शिया किशोरी शरण ममहाराज ने कहा हिन्दूओं की आचार संहिता का दर्शन वेदों में संनिहित है.वेद के संबंध मे हर हिन्दू धर्मावलंबी को जानना चाहिए यह हमारे धरोहर है उन्होंने कहा हिन्दू समाज वेद भगवान के कारण ही आज सुरक्षित है. स्व अशोक सिंहल जी ने वेद विद्यालयों की स्थापना कराकर अपने हिन्दू होने तथा धार्मिक जीवनमूल्यो की रक्षा के उत्तरदायित्वो का निर्वाहन किया.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि फैजाबाद सासंद लल्लू सिंह ने अपने उद्बोधन मे कहा देश समाज और समस्त संसार का कल्याण वेद मे समाविष्ट है. विहिप संरक्षक स्व अशोक सिंहल जी के महासंकल्प की सिद्धी वेद के प्रचार प्रसार मे ही निहित है. इस अभियान को गति देने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा फैजाबाद मे संस्कृत विश्व विद्यालय की स्थापना की मांग भी संस्कृत शिक्षा और वैदिक विद्वानो के उत्थान का माध्यम बने इसी लिए किया गया है. धर्म संस्कृति और समाज का संरक्षण संवर्धन हमारे वैदिक धर्मग्रंथो के द्वारा ही संभव है. अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा वेद और वैदिक विद्वान इस देश के धरोहर है. अयोध्या की गरिमा और सम्मान धार्मिक अनुष्ठानो मे ही समाहित है इसका संवर्धन हर हाल मे किया जायेगा . विहिप केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह “पंकज” ने कहा आज हिन्दू समाज को अपने शिक्षा के प्रति निष्ठावान जागरूक होना होगा .सही शिक्षा ही हमे उच्चशिखर पर जहां आसीन करती है वही वेद जैसे हमारी संहिता हमारे जीवनमूल्यो की सुरक्षा करते हैं . उन्होने कहा विहिप संरक्षक स्व अशोक सिंहल जी का सदैव प्रयास रहा कि वेद की शिक्षा का विस्तार हो और इसके लिए उन्हो ने देश भर मे संत धर्माचार्यो तथा सामाजिक संगठनो के संरक्षण मे वेद विद्यालयो की स्थापना करायी. विहिप वेद शिक्षा को बढावा देने के लिए ही विश्व वेद सम्मेलनो का आयोजन करती रही है आज इस महान ग्रंथ का संरक्षण आवश्यक है.
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मे केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल के वरिष्ठ सदस्य तथा मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास शास्त्री ने कहा वेद यानि साक्षात हमारे ईष्ट जिनकी पूजा अर्चना कर के ही हम अपने पुरातन सभ्यता संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को अक्षुण रखे हुए हैं . वेदों को पूर्वकाल में दुर्गमासुर जैसे राक्षसों ने भी समाप्त करने का भरसक प्रयत्न किया जो कुछ समय के लिए हुआ भी,वेद लुप्तप्राय होगये जिसके कारण जप,तप,यज्ञ सभी बंद सारा वातावरण दूषित होगया ।प्रकृति प्रदत्त संसाधन नष्ट हो रहे थे उसी समाय माता दुर्गा का आह्वान हुआ और दुर्गा ने दुर्गमासुर का वध कर वेदों को मुक्तकराया.

उन्होंने कहा आज इस धार्मिक देश को समाप्त करने के लिये विदेशी षड्यंत्रकारी यहां इस देश की पीठ पर खंजर भोकने वाले कथित सेक्यूलर बिरादरी को अपना हितैषी बनकर हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति को तहस -नहश करने के लिये लगातार सक्रिय है .उन्होंने कहा वेदों मे हर समस्याओं का समाधान है आज आतंकवाद जिस तरह सिर उठाये हुए है, उसके मर्दन का उपाय भी है उन्होंने कहा प्राचीन काल में राक्षस क्या थे आतंकवादी ही तो थे . जिनका संहार वेदों को सुरक्षित रखने वाले हमारे देवी-देवताओ ने ही तो किया उन्होंने कहा आज हिन्दू समाज को अपने शिक्षा के प्रति निष्ठावान जागरूक होना होगा .सही शिक्षा ही हमे उच्चशिखर पर जहां आसीन करती है वही वेद जैसे हमारी संहिता हमारे जीवनमूल्यो की सुरक्षा करते हैं .कार्यक्रम का संचालन आचार्य नारद भट्टाराई ने किया इस अवसर पर महंत छविराम दास संत देवेश दास , संत बालमुकुंद शरण,योगाचार्य डाॅ चैतन्य,भाजपा नेता हरिशंकर सिंह, वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डाँ संजीव थापर, विहिप प्रान्तीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष रामलाल जायसवाल,वेद विद्यालय समिति के मंत्री राधेश्याम मिश्र, कोषाध्यक्ष गोपाल केसरवानी,प्रधानाचार्य इंद्रदेव मिश्र,प्रभारी शिवदास सिंह, ,एस एन अग्रवाल,डाॅ कुसुम लता अग्रवाल ,संस्कृत विद्वान आचार्य दीपक शास्ती, संगीतज्ञ सुमधुर,बाबा गया शरण सहित वैदिक विद्वान और वटुक उपस्थित रहे।

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