श्री श्री रविशंकर गुरुवार सुबह अयोध्या पहुंचेंगे। जहां वह राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, न्यास के सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती के अलावा मस्जिद के पैरोकार स्वर्गीय हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी से मुलाकात करेंगे। श्री श्री रविशंकर के प्रवक्ता ने कहा कि उनके पास कोई फॉर्मूला नहीं है, वे मंदिर-मस्जिद मुद्दे पर पक्षकारों को एक प्लेटफार्म दे रहे हैं, जहां सब मिलकर आपसी समझौते से इस विवाद को सुलझा सकते हैं।
एक ओर जहां अयोध्या में राम मंदिर और मस्जिद का मुद्दा आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास हो रहा है, वहीं बद्रीनाथ धाम पर देवबंदी उलूमा के नये बयान से हंगामा मच गया है। देवबंद के मदरसा दारुल उलूम निशवाह के मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने कहा है कि बद्रीनाथ धाम बद्रीनाथ नहीं, बल्कि मुसलमानों का बदरुद्दीन शाह धाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हुए कहा कि इतिहास के मुताबिक, बद्री शाह का नाम वापल लौटाया जाए और बद्रीनाथ धाम को मुसलमानों के हवाले किया जाए। बद्रीनाथ पर उलेमा का यह बयान उत्तराखंड के रक्षा अभियान दल के उस बयान के बाद आया है, जिसमें दल ने कहा था कि जो बद्रीनाथ धाम में वही मुसलमान रह सकते हैं, जो गोमूत्र और गंगाजल पिएंगे।