कोरोना काल में भूमि पूजन के लिए दो गज की दूरी का पालन करते हुए खास तैयारियां की गई हैं। मठ मंदिरों में अनुष्ठान होंगे तो घर-घर दीप जलाकर खुशियां मनाई जाएंगी। दूसरी तरफ सरयू आरती में भी उत्साह दिखेगा। सरयू की महाआरती को भव्य बनाने की तैयारी है लेकिन कोरोना को ध्यान में रखकर सब कुछ लोग व्यक्तिगत करेंगे। इस दिन सामूहिक आयोजन नहीं होगा।
विहिप ने 11 तीर्थस्थलों से भेजी मिट्टी राम मंदिर आधारशिला का भूमिपूजन देश की पौराणिक नदियों के जल और मिट्टियों से होगी। प्रमुख रूप से पूज्य गंगा, यमुना, कावेरी, सरस्वती और रामगंगा सरयू के जल व मिट्टी को पूजन के लिए मंगाए गया है। सप्तसागर के जल और मिट्टी से भी पूजन किया जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर निर्माण के लिए 11 तीर्थ स्थलों की मिट्टी दिल्ली से अयोध्या भेजी है। इसमें दिल्ली के सिद्ध पीठ कालकाजी, प्राचीन पांडव कालीन भैरों मंदिर, पुराना किला, गुरुद्वारा शीशगंज, चांदनी चौक, गौरी शंकर मंदिर, चांदनी चौक, दिगंबर जैन लाल मंदिर, चांदनी चौक, प्राचीन काली माता मंदिर, बंगला साहिब, लक्ष्मी नारायण मंदिर, भगवान वाल्मीकि मंदिर, बद्री भगत झंडेवालान मंदिर, करोल बाग से ये मिट्टी इकट्ठा की गई है।