scriptन गूंजेंगी शंख की आवाज़ न लगेंगे जय श्रीराम के नारे 6 दिसम्बर पर दीप जलाकर संत मांगेंगे रामलला से आशीर्वाद | VHP will not be celebrated Shaurya divas in Ayodhya on 6 December | Patrika News
अयोध्या

न गूंजेंगी शंख की आवाज़ न लगेंगे जय श्रीराम के नारे 6 दिसम्बर पर दीप जलाकर संत मांगेंगे रामलला से आशीर्वाद

– विवादित ढाँचे के ध्वंस की 27वीं बरसी पर इस बार हिन्दू संगठनों ने बदला मिजाज़
– विहिप और संघ परिवार ने कहा अब सिर्फ राम मंदिर निर्माण की दिशा में होगा काम
– बाबरी के मुद्दई इकबाल अंसारी ने भी किसी भी तरह की ख़ुशी या गम मनाने से किया इनकार
– कुछ बाबरी समर्थक अपने घरों में मनाएंगे यौमे गम,सार्वजनिक आयोजन पर लगी है रोक
– अयोध्या में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम,येलो जोन में सतर्कता बढ़ी

अयोध्याDec 05, 2019 / 12:44 pm

अनूप कुमार

VHP will not be celebrated Shaurya divas in Ayodhya on 6 December

न गूंजेंगी शंख की आवाज़ न लगेंगे जय श्रीराम के नारे 6 दिसम्बर पर दीप जलाकर संत मांगेंगे रामलला से आशीर्वाद


अनूप कुमार

अयोध्या : शुक्रवार को 6 दिसंबर की तारीख है और 6 दिसंबर वह दिन है जिसने देश के इतिहास में अपनी एक ऐसी मौजूदगी दर्ज कराई है जिसे याद करके देश के दो संप्रदायों के बीच दूरियां गहरा जाती है | 6 दिसंबर सन 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचे के ध्वंस के साथ दो संप्रदायों के बीच की दूरियां भले ही अब काफी हद तक मिट चुकी हो ,लेकिन फिर भी दोनों संप्रदायों के अगुआ इस तारीख के दिन अभी तक अलग-अलग आयोजन कर खुशी और गम मनाते रहे हैं | लेकिन 9 नवंबर 2019 को जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना सुप्रीम फैसला सुना दिया है तो उसके बाद अब इस तारीख को लेकर होने वाले आयोजनों की तस्वीर भी बदली हुई नजर आ रही है |
एक तरफ बाबरी मस्जिद केस से जुड़े कुछ पैरोकार 6 दिसंबर को हमेशा की तरह यौमे गम मनाने की बात कह रहे हैं | वहीं अभी तक हर 6 दिसंबर को अयोध्या के कारसेवक पुरम परिसर से जय श्री राम का उद्घोष कर इस दिन को विजय दिवस और शौर्य दिवस के रूप में मनाने वाली विश्व हिंदू परिषद ने इस बार अपना इरादा बदल लिया है और अब वह 6 दिसंबर को विजय दिवस या शौर्य दिवस मनाने की जगह अयोध्या के मंदिरों में दीप जलवा कर शांतिपूर्ण ढंग से इस पुराने आयोजन को एक रश्मि आयोजन का रूप देना चाहती है | वजह भी साफ है कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सुप्रीम फैसले के बाद अब संघ परिवार और विश्व हिंदू परिषद नहीं चाहता कि अब कोई नया विवाद खड़ा हो हर कोई यही चाह रहा है कि बस इस फैसले को लागू किया जाए और जल्द से जल्द में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो | इसी कारण हिंदू संगठन इस बार किसी भी तरह का उत्सव मनाने के मूड में नहीं है बल्कि दीप जलाकर भगवान से यह प्रार्थना की जाएगी कि जल्द से जल्द या में राम मंदिर का निर्माण हो |
बताते चलें कि 6 दिसंबर सन 1992 को अयोध्या में मौजूद लाखों कारसेवकों ने कुछ हिंदूवादी नेताओं के आह्वान के बाद अयोध्या में विवादित ढांचे को गिरा दिया था जिसके बाद पूरे देश में सांप्रदायिक दंगे हुए थे और काफी संख्या में लोग मारे गए थे | उस दिन की काली यादें अभी तक उन परिवारों के जेहन में जिंदा है जिन्होंने इस दंगे की आग में अपने लोगों को खोया है | फिलहाल इस घटना को हुए करीब 27 साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है और इस बीच अयोध्या में सरयू में न जाने कितना पानी बह चुका है और मनो उस पानी की धार से अयोध्या के जेहन पर इस दिन की काली यादें भी मिट चुकी हैं |

अयोध्या में बाबरी मस्जिद मामले के पैरोकार हाजी महबूब भले यह कह रहे हैं कि वह परंपरागत रूप से अपने घर पर कार्यक्रम करेंगे लेकिन बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य मुद्दई इकबाल अंसारी ने अपना इरादा बिल्कुल बदल दिया है | इकबाल अंसारी का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है तो अब अयोध्या में अमन चैन की बात की जानी चाहिए | मैं अब कुछ नहीं करने वाला इतना जरूर है कि अयोध्या में बाबर के नाम पर कोई मस्जिद नहीं बल्कि किसी स्कूल या अस्पताल के लिए अगर सरकार जगह देती है तो हम उसके समर्थन में है |

वही विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने भी स्पष्ट रूप से कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है | अब सभी राम भक्त राम मंदिर निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं हम अब कोई ऐसा काम नहीं करना चाहते जिससे देश में अमन-चैन प्रभावित हो | देश का हर नागरिक एक साथ मिलकर प्रेमभाव से रहे इसके लिए हम प्रयासरत हैं और इस बार मंदिरों में दीप जलाकर हम राम लगा से यहां आशीर्वाद लेंगे कि सभी राम भक्तों जल्द से जल्द अयोध्या में जहां रामलला विराजमान उसी स्थान पर एक भव्य राम मंदिर का निर्माण करें | वहीं सुरक्षा के बाबत अयोध्या में कड़े इंतजाम किए गए हैं नगर की सीमाओं पर सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है | हर आने जाने वाले पर नजर रखी जा रही है होटल धर्मशाला ओं की चेकिंग की जा रही है| खासतौर पर राम जन्मभूमि परिसर से सटे यलो जोन इलाके में रहने वाले लोगों को और बाहरी लोगों को भी बिना आधार कार्ड दिखाएं प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है |

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