Ayodhya में सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है अयोध्या के जिला अस्पताल में कोविड के मरीजों को भर्ती करने के लिए पहले एंटीजन जांच के नाम पर घंटों बरामदें में इंतजार करना पड़ रहा है तो वहीं अयोध्या धाम के श्री राम अस्पताल में भी चिकित्सा सेवा उचित नही हो पा रहा है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को बाहर से ही जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया जा रहा है। जिसके कारण मौत का आंकड़ा नही रुक रहा है।
अयोध्या में दो प्राइवेट अस्पतालों में भी कोविड उपचार प्रारंभ कर दिया गया है लेकिन इन अस्पतालों में मरीजों के परिजनों को ही इसका खर्च उठाना पड़ेगा आज से दो प्राइवेट अस्पतालों में उपचार प्रारंभ कर दिया गया है जिसके लिए चिरंजीव हॉस्पिटल नाका और जगत हॉस्पिटल नाका को सेंटर बनाया गया था वही इन अस्पतालों में मरीजों को ₹8000 प्रतिदिन के तहत खर्च देना होगा। इसके साथ सिर्फ 10 % ही सरकारी अस्पतालों से रेफर किये जायेंगे अन्य निजी अस्पताल ही मरीजों को भर्ती करने का कार्य करेगा।
अयोध्या के सीएमओ डॉक्टर घनश्याम सिंह के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने पर एक बड़ा बोझ कम हो जाएगा लेकिन यहां कुछ अलग ही हो रहा है निर्देशानुसार प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने वाले कुल 10% मरीज ही ऐसे होंगे जिन्हें मेडिकल कॉलेज से रेफर किया गया हो शेष आरक्षित बेड पर प्राइवेट अस्पताल की ओर से भर्ती किए गए मरीजों को उपचार दिया जाएगा मेडिकल कॉलेज की ओर से रेफर किए गए मरीजों को ₹8000 प्रतिदिन बेड चार्ज देना होगा इसके अतिरिक्त जो दवाएं अस्पताल में मौजूद नहीं है उनको बाजार से खरीदना होगा।