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आजमगढ़

नींद खुली तो बिहार में था, दो माह बाद अपने घर लौटा 12 साल का मासूम, दर्दभरी है कहानी

दो माह बाद सोशल मीडिया ने काराया पिता पुत्र का मिलन

आजमगढ़Jun 06, 2020 / 10:09 am

Neeraj Patel

नींद खुली तो बिहार में था, दो माह बाद अपने घर लौटा 12 साल का मासूम, दर्दभरी है कहानी

नींद खुली तो बिहार में था, दो माह बाद अपने घर लौटा 12 साल का मासूम, दर्दभरी है कहानी

आजमगढ़. सोशल मीडिया को आज के समय में अफवाह फैलाने का सबसे बड़ा माध्यम माना जा रहा है लेकिन यह सोशल मीडिया कई बिछड़ों का अपनों से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है। ताजा मामला जिले के फूूलपुर कोतवाली क्षेत्र के किठावें गांव है। यहां पर ढाई माह पूर्व परिजनोें से बिछड़े एक बच्चे को उसके परिजनों से मिलाने में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दो माह बाद 12 साल का मासूम के अपने घर लौटने के बाद परिवार के सभी लोग खुश हैं।

घटना दो माह पुरानी है। 3 जून को आजमगढ़ पुलिस सोशल मीडिया सेल ने एक पोस्ट देखा जिसमें आजमगढ के रहने वाले बच्चे के बारे में जानकारी दी गई थी। कहा गया था कि जय हिन्द नाम का एक बालक दो माह से लाकडाउन में पटना के सेल्टर होम में रूका हुआ है कृपया सहायता की जाए।

सूचना साझा करने वाले ने अपना मोबाइल नंबर भी पोस्ट के साथ शेयर किया गया था। जब पुलिस ने मोबाइल नंबर पर संपर्क कर बच्चे से बात की तो पता चला कि उसका असली नाम शैलेष कुमार पुत्र राजेश कुमार निवासी ग्राम किठावे थाना फूलपुर जनपद आजमगढ़ है। बच्चे की उम्र करीब 12 वर्ष है और कक्षा पांच का छात्र है। 14 मार्च को उसके गांव में भंडारे का आयोजन था। वह भंडारे में शामिल हुआ था। इसके बाद वह गायब हो गया था। छात्र के पिता ने फूलपुर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

बच्चे के बारे में जानकारी होने के बाद पुलिस ने फूलपुर पुलिस की मदद सेे वीडियो कालिंग के जरिए उसके माता पिता से बात कराई और पुष्टि होने के बाद उसे आज आजमगढ़ वापस लाई। पुलिस ने उसे परिजनों के हवाले कर दिया। शैलेश नेे बताया कि वह भंडारे में शामिल होने के ट्रेन देखने की चाहत में खोरासन रोड स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ गया। उसी समय ट्रेन आगे बढ़ गई। थोड़ी देर बाद उसे नींद आ गई। जब नींद खुली तो वह बिहार पहुंच गया था।

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