बता दें कि शिक्षक भर्ती के तहत जिले में नियुक्ति पत्र वितरण व विद्यालय आवंटन का कार्य चल रहा है। तहबरपुर ब्लाक के महुवार गांव निवासी महेश कुमार गुप्ता पुत्र रामजतन गुप्ता 15 अक्टूबर को काउंसिलिग में शामिल हुए थे। 16 अक्टूबर को उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया था।
अभिलेखों की जांच में पाया गया कि उन्होंने बीटीसी चतुर्थ सेमेस्टर (आंशिक परीक्षा) की परीक्षा 2019 में पास की है, जो शासनादेश में निहित प्रावधानों के अनुसार मान्य नहीं हैं। जबकि थाना सिधारी के हेंगापुर गांव निवासी दिनेश यादव पुत्र चंद्रभान यादव ने बीएड की डिग्री कश्मीर विश्वविद्यालय श्रीनगर से प्राप्त की है।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 अद्यतन संशोधित में वर्णित एनसीटीइ से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से शैक्षिक अर्हता(योग्यता) नहीं प्राप्त की गई है। उनकी नियुक्ति उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 (अद्यतन संशोधित) के नियम- (दो) के तहत प्राविधानों के विपरीत है।
इसी तरह मऊ जिले के दोहरीघाट थाना के विश्वनाथपुर निवासी अमरेश मिश्रा पुत्र विद्यासागर मिश्रा ने बीटीसी चतुर्थ सेमेस्टर की मार्कशीट (आंशिक परीक्षा) की परीक्षा 2019 में पास की है, जो शासनादेश में निहित प्राविधानों के अनुसार मान्य नहीं है।
इनके प्रमाण पत्र में गड़बड़ी मिलने के बाद इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी की गयी थी लेकिन निर्धारित समय में इन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अंबरीश कुमार ने बताया कि चयनित तीन शिक्षकों के अभिलेखों में गड़बड़ी मिलीं हैं। नोटिस जारी कर दो दिन के अंदर जवाब मांगा गया था, लेकिन चार दिन बाद भी स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया। अब इनकी नियुक्ति निरस्त की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
BY Ran vijay singh