बता दें कि मदरसा शिक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों यूपी बोर्ड आफ मदरसा एजुकेशन पोर्टल लांच किया था। इस पोर्टल पर कक्षा, कुल क्षेत्रफल, शिक्षक व कर्मचारियों की संख्या, उनके आधार नंबर, खाता वितरण, फोटो आदि अपलोड करने के निर्देश मदरसा संचालकों को दिया गया था।
सरकार के निर्देश के बाद अल्पसंख्यक विभाग सभी मदरस संचालकों को डिटेल अपलोड करनेे का निर्देश दिया था। मदरसा प्रबंधतंत्र द्वारस सूचना अपलोड़ भी की गयी लेकिन उसमें भारी गड़बड़ी की गयी। इसका अंदेशा होने पर शासन द्वारा मदरसों के भौतिक सत्यापन का निर्देश दिया गया।
आदेश के अनुपालन में जिले में अल्पसंख्यक विभाग की टीम ने 675 मदरसों का भौतिक सत्यापन किया। तब पता चला कि आधे से अधिक संचालकों ने नियमों का पालन नहीं किया है। कुछ मदरसे दिए गए पते पर मौजूद नहीं थे। कुछ कक्षाओं के मानक का उल्लंघन करते हुए पाए गए थे। कुछ तो निजी स्कूल संचालित कर रहे थे।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी साहित्य निकष सिंह ने बताया कि वेबसाइट पर अपलोड किए गए विवरण के आधार पर जांच की गई तो 304 के विवरण गलत पाए गए। इनकी मान्यता रद्द करने की सिफारिश लखनऊ बोर्ड को भेजी गई थी, क्योंकि ये मदरसे मानक पर सही नहीं पाए गए थे। अब इनकी मान्यता रद कर दी गयी है।
BY Ran vijay singh