जानकारी के अनुसार महराजगंज थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर ग्राम निवासी मोहम्मद साकिब पुत्र मोहम्मद मुमताज ने वर्ष 1996 में अपने नाम से पासपोर्ट जारी कराया था। वह नौकरी के लिये विदेश भी चला गया था। वीजा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद विदेश से स्वदेश लौटे मोहम्मद साकिब ने पासपोर्ट की वैधता अवधि समाप्त हो जाने के बाद नवीनीकरण नहीं कराया। साकिब ने परिवार रजिस्टर में अपना नाम बदलवाकर फर्जी तरीके से सन 2011 में दूसरा पासपोर्ट जारी करा लिया। साकिब ने जालसाजी की इस प्रक्रिया को इतनी सफायी से अंजाम दिया कि किसी को इसकी कानों-कान भनक तक नहीं लगी। हाल ही में जब सिकंदरपुर गांव के प्रधान मोहम्मद अफजल पुत्र मोहम्मद को जब इसकी जानकारी हुई तो उनके होश उड़ गए। सकते में आये प्रधान ने पुलिस को वाकये से अवगत कराते हुए लिखित शिकायत की। शिकायत मिलने पर सक्रिय हुए प्रशासन ने संबंधित थाने एवं स्थानीय खुफिया इकाई से मामले की जांच करायी, जिसमें ग्राम प्रधान की शिकायत सही पायी गयी। पुलिस ने शनिवार को महाराजगंज थाने में सिकंदरपुर गांव के प्रधान मोहम्मद अफजल की तहरीर पर आरोपी मोहम्मद साकिब के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग पुलिस द्वारा जांच भी है। पुलिस की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही पासपोर्ट जारी किया जाता है। एक ही व्यक्ति द्वारा दो नाम से पासपोर्ट बनवाये जाने का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में आ गयी है। मामला उजागर करने को लेकर पुलिस महकमा भले ही अपनी पीठ थप-थपाये, लेकिन हकीकत यही है कि इससे पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है।