प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि आजमगढ़ में उद्योग धंधा न के बराबर है। कृषि पर ही जिले की बड़ी आबादी आश्रित है और किसान लंबे समय से गन्ना के बकाये को लेकर कठिनाई से जीवनयापन कर रहा है। इसी गन्ना की खेती के बल पर किसान अपने बेटियों की शादी विवाह, दवा, इलाज मकान आदि का निर्माण आदि कराकर अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं लेकिन खुद को किसानों की हितैषी बताने वाली प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान नहीं कर रही है। आजमगढ़ में गन्ना किसानों का सरकार पर 60 करोड़ 30 लाख रुपये बकाया है लेकिन सरकार भुगतान नहीं कर रही है। किसानों के लिए दैनिक जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है। किसानों के हित की लड़ाई आम आदमी पार्टी लड़ेगी और जब तक गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं कर दिया जाता तब तक आंदोलन किया जाएगा।
जिलाध्यक्ष रविंद्र यादव ने कहा कि सरकार को प्राथमिकता के आधार पर किसानों के हितों का ध्यान रखना चाहिए लेकिन सरकार केवल पूंजीपतियों का ध्यान रखने में विश्वास करती है, जिसे आप कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर 15 दिनों के भीतर सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो फिर से व्यापक स्तर पर हम प्रदर्शन करेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। उन्होंने गन्ना किसानों से आह्वान किया कि अपने हित के लिए इस संघर्ष का हिस्सा बने ताकि इस आवाज को जन जन तक पहुंचाया जाये।
मुबारकपुर विधानसभा प्रभारी संजय ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि किसानों के गन्ने से सरकार ने अपनी कमाई तो कर ली लेकिन किसानों को बेसहारा छोड़ दिया जो सरकार की कथनी और करनी को दर्शा रहा है। इस मौके पर जिला महासचिव इसरार अहमद, जिला कोषाध्यक्ष उमेश यादव, हरेंद्र यादव एडवोकेट व किसान साथी भरत यादव, रामकृष्ण यादव, रामप्रकाश, संतोष सिंह, संतोष यादव, महेंद्र सिंह, अजय यादव, अरुण कुमार सिंह, सुदामा यादव, रमाकांत, ऋषिकेश, लाल धर राम, उदय भान यादव, अशोक सिंह, अशोक यादव बिहारी, रामाश्रय, सुधीर, सुजीत, मुन्ना दुबे, विशाल, दीपक कुमार आदि उपस्थित रहे।