scriptPatrika Interview : मोदी के नाम की हवा नहीं, तूफान चल रहा है : केशव प्रसाद मौर्य | Patrika Interview: There is no wind in the name of Modi, there is a storm going on: Keshav Prasad Maurya | Patrika News
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Patrika Interview : मोदी के नाम की हवा नहीं, तूफान चल रहा है : केशव प्रसाद मौर्य

Patrika Interview : देशभर में पीएम मोदी के नाम हवा नहीं, तूफान चल रहा है। उत्तप्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसार मौर्य ने डॉ. मीना कुमारी के साथ राजस्थान पत्रिका से खास बातचीत में कहा कि यूपी की सभी 80 सीटों पर बीजेपी को शानदार जीत मिलेगी।

नई दिल्लीApr 28, 2024 / 10:35 am

Shaitan Prajapat

Patrika Interview : उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राम और राष्ट्र में अंतर नहीं है। अयोध्या का भव्य राम मंदिर ही राष्ट्र मंदिर है। उन्होंने दावा किया कि उत्तरप्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा शानदार जीत दर्ज करेगी। राजस्थान पत्रिका से विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कई मुद्दों पर बेबाक राय रखी। बातचीत के प्रमुख अंश-

सवाल: उत्तरप्रदेश में चुनाव के मुख्य मुद्दे क्या हैं?

जवाब: देखिए, मुख्य मुद्दा तो तीसरी बार मोदी सरकार है और अबकी बार 400 पार का जो नारा है उस नारे पर उत्तरप्रदेश शत-प्रतिशत भूमिका अदा कर रहा है। हम सभी सीटें जीत रहे हैं। सपा, बसपा, कांग्रेस इन तीनों को कोई पूछने वाला नहीं है। इतनी जबरदस्त लहर है, अगर मैं अपने शब्दों में कहूं तो 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की हवा थी, 2019 के चुनाव में आंधी थी, लेकिन 2024 के चुनाव में तूफान चल रहा है।

सवाल: इस बार सीटों की संख्या का इजाफा कहां और कैसे होता देख रहे हैं?

जवाब: नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री का प्रत्याशी घोषित करने के बाद 2014 में भाजपा ने देश से 272 प्लस सीटें मांगी, जनता ने 283 सीटें दी। 2019 में भाजपा नेतृत्व ने मोदी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए 300 पार की बात कही, 303 सांसद हमारे बने। नतीजा, 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया और अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बना। इस बार मोदी ने लक्ष्य दिया है कि 370 प्लस कमल के फूल चाहिए और 400 प्लस भाजपा एनडीए चाहिए। उस लक्ष्य को जनता और कार्यकर्ता यह मानते हैं कि यह मोदी का लक्ष्य नहीं है यह हमारा लक्ष्य है।

सवाल: राम मंदिर निर्माण का मतदाताओं पर कितना असर होता देख रहे हैं?

जवाब: राम और राष्ट्र में अंतर ना समझा जाए। राम जन्म भूमि पर 500 साल बाद मंदिर बनाने का काम यदि संभव हुआ तो वह नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के कारण ही हुआ है। इसे देश की जनता जानती है कि 500 साल पुरानी बीमारी का इलाज मंदिर बनाकर, 70 साल की बीमारी का इलाज 370 खत्म कर मोदी जैसा नेतृत्व ही कर सकता है, तो ऐसी स्थिति में लोगों का मानस बना है कि यह सब काम हुआ है। भगवान श्री राम को कोई भगवान मानता है तो कोई उन्हें अपना पूर्वज मानता है। राम मंदिर राष्ट्र मंदिर है और राष्ट्रमंदिर बनकर खड़ा होना राष्ट्र का मजबूत बनकर खड़ा होना है। राम को मानने वाले भारतवर्ष के हर राज्य मेंं हैं, हर जिले में हैं, हर गांव और पूरे विश्व में हैं।

सवाल: अखिलेश यादव कन्नौज से मैदान में आ गए, आप क्या सोचते हैंं?

जवाब: अखिलेश यादव के चुनाव लडऩे से पहले कन्नौज से उनकी पत्नी चुनाव लड़ी थीं, तब सपा-बसपा का गठबंधन था और उस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी हमारे सुब्रत पाठक थे। चुनाव में डिम्पल यादव को हराया। कन्नौज इत्र की नगरी के रूप में जाना जाता है। वहां विशेष प्रकार के इत्र का निर्माण होता है। इत्र को जब कमल में लगाएंगे तो सुगंध का आनंद ही अलग है और साइकिल को तो लोग नकार चुके हैं और 2024 में यूपी से सपा खत्म हो रही है।

सवाल: उत्तरप्रदेश में कास्ट पॉलिटिक्स हावी हो रही है, इसे किस तरह देखते हैं?

जवाब: मैं यह मानता हूं कि पचास प्रतिशत से भी अधिक संख्या ओबीसी है। लगभग 25 प्रतिशत एससी, एसटी है। यह संख्या इतनी बड़ी है कि उस संख्या का झुकाव जिसकी ओर रहता है वह चुनाव जीतता है। नरेंद्र मोदी प्रति जो दीवानगी बन चुकी है, वह शब्दों में व्यक्त नहीं की जा सकती है। इसलिए वहां जातिवाद की जगह मोदीवाद चलता है। वहां विकासवाद चलता है, वहां गरीब को अमीर बनाने का काम चलता है, महिलाओं को सशक्तीकरण का काम चलता है। युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए व्यापक रोजगार पैदा करने का काम चलता है।

सवाल: कांग्रेस जातिगत जनगणना चाहती है, इसके बारे में आपकी क्या राय है?

जवाब: जातिगत जनगणना के पीछे कांग्रेस का छिपा हुआ एजेंडा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा ने तो उस समय नेशनल कांउसिल की बैठक में कहा था कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। अभी कर्नाटक में इनकी सरकार बनी तो इन्होंने ओबीसी में वहां के सम्पूर्ण मुसलमानों को शामिल कर लिया और उन्हें आरक्षण दे दिया। ये जाति जनगणना के नाम पर ये देश को धोखा देने का काम कर रहे हैं, यह ओबीसी, एससी, एसटी का हक छीनने की कोशिश है।

सवाल: भाजपा के साथ आरएलडी के आने का क्या असर पडऩे वाला है?

जवाब: जब 2014 का लोकसभा चुनाव हुआ था तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सभी सीटें जीती थी। सपा-बसपा अलग लड़े थे, राष्ट्रीय लोकदल अलग लड़ा था और जब 2019 का चुनाव हुआ तो सपा-बसपा, राष्ट्रीय लोक दल एक साथ हुए थे। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटें हम हार गए थे। राष्ट्रीय लोक दल अब भाजपा गठबंधन का हिस्सा बन गया है तो हमें पश्चिमी उत्तरप्रदेश से जो वोट नहीं मिल पा रहा था। वह सारा वोट अब भाजपा और भाजपा गठबंधन को मिल रहा है। इसलिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहुत बड़े अंतर से भाजपा और भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी विजयी होंगे।

सवाल: एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है, क्यों?

जवाब: मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस, राहुल गांधी और उनके गठबंधन के जो साथी दल हैं, उन सबका एक सूत्रीय लक्ष्य है कि ओबीसी, एससी, एसटी का जो आरक्षण उनसे छीनकर मुसलमानों को दे दिया जाए। ओबीसी, एससी, एसटी भाजपा का वोट बैंक और मुसलमान इनका वोट बैंक है। मैं खुलेआम कह रहा हूं कि इस प्रयास को सफल नहीं होने देंगे। कर्नाटक में ओबीसी, एससी, एसटी का आरक्षण छीनकर जो मुसलमानों को दिया गया उसे वापस नहीं लिया तो मैं बंगाल की खाड़ी में डूब जाऊंगा, लेकिन ओबीसी, एससी, एसटी के अधिकारों का हनन नहीं होने दूंगा।

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