वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ संसदीय सीट से सांसद चुने गए थे। उन्होंने पूर्व जिलाध्यक्ष रामदर्शन यादव को अपना प्रतिनिधि बनाया था। वर्ष 2016 में सपा कुनबे में विवाद के बाद जब शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन किया तो राम दर्शन यादव उनके साथ चले गए। फिर मुलायम सिंह ने अपने प्रतिनिधि की जिम्मेदारी निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव को दी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव आजमगढ़ संसदीय सीट से सांसद चुने गए, लेकिन महीनों तक उन्होंने किसी को अपना प्रतिनिधि नहीं बनाया। पिछले वर्ष जिला योजना की बैठक के ठीक पहले अखिलेश यादव ने भी हवलदार यादव को अपना प्रतिनिधि बनाया था। अब यह जिम्मेदारी अखिलेश यादव ने हवलदार के बजाय बाहुबली दुर्गा प्रसाद यादव को दे दी है। एक बार फिर सपा का जिलाध्यक्ष बनने का ख्वाब देख रहे हवलदार यादव के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने यह फैसला पार्टी की गुटबंदी कम करने के लिए लिया है। कारण कि पिछले लंबे समय से पूर्व मंत्री बलराम यादव और हवलदार यादव गुट एक दूसरे को मात देने की कोशिश में जुटा है।