अखिलेश यादव ने कहा कि हमें जिनसे लड़ना है वह काफी ताकतवार है। जिसकी हम कल्पना नहीं कर सकते है लेकिन जिस समय शासन और प्रशासन अन्याय करने लगे, देश और समाज को छोड़ अपनी तरक्की में जुट जाये हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। हमें लोकत्रतंत्र के मूल्यों को बचाना है। वही हमें सावधान भी रहना है।
हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि जो साथी नही आ पाये है उनको हमारी तरफ से धन्यवाद दे। हम और बहुजन समाज पार्टी के साथी मिलकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेगे। समाजावादियों को काम करने का मौका मिलेगा तो देश देखेगा कि विकास क्या होता है।
जब मैं राजनीति में नहीं था तो उस समय भी लोग आपको कहते थे कि आपको आजमगढ़ जाना चाहिए। यह समाजवादी धरती है। आप केवल एक बार वहां चले जायेंगे तो वहां के बनकर रह जाएंगे। इस चुनाव में मैं केवल दो बार यहां आया लेकिन आप लोगों की मेहनत से गठबंधन को दोनों सीटों पर कामियाबी मिली। ये प्यार स्नेह इतिहास में दर्ज हो जायेगा। उन्होंने कहा कि मैं कितनी भी बार आता शायद हमारा नाम यहां से नहीं जुड़ पाता लेकिन अब हम संसद में बोलेंगे तो कन्नौज इटावा से नहीं जोड़ा जाएगा बल्कि कहा जाएगा कि आजमगढ़ का सांसद बोल रहा है। मैं भरोसा देना चाहता हू आजमगढ अगर हमारे नाम से जुड़ गया है तो हम आजमगढ़ की जनता को कभी छोड़ने का काम नहीं करेंगे।
अखिलेश ने कहा कि हम लोग चुनाव हार गये, हम चुनाव नहीं जीते है। लेकिन हम आज भी विरोधी दलों से कहते हैं कि उठा लो अपना विकास और हमारे विकास से तुलना कर लो। आपका विकास समाजवादीयों के विकास के आगे टिकने वाला नहीं है। आप किसी और वजह से चुनाव जीत गये। राजनीति में हमने ऐसा समय देखा है कि लोग रोते-रोते हसने लगते है और हसते-हसते रोने लगते है। जिस दिन हमारे हाथ में सार्टिफिकेट मिला और देखा कि आजमगढ़ से जीतकर आया तो मैंने चुपचाप सार्टिफिकेट को छिपा दिया। हमने घर में भी नहीं दिखया कि नाराजगी और भी हो जायेगी। मैने कहा कि जब तक मैं जनता के सामने न दिखा दू तब तब तक सार्टिफिकेट किसी को नहीं दिखाउंगा।
उन्होंने निरहुआ पर हमला करते हुए कहा कि हमने उनकी फिल्म कभी नहीं देखी लेकिन आप लोग देखते रहिए। आप दुश्मन को पहचानों वह कहा छिपा हुआ है। हमारा अपका झगड़ा उनसे नहीं था। हमारा उनसे राजनैतिक झगड़ा था जो लोग सेल्फी दे रहे थे उनको। उन्होने कहा कि दुनिया में सबसे तेज भागने वाले गाड़ी फरारी है। पत्रकार ने कहा था कि ये देश को फरारी और साइकिल की था। सब जानते थे कि फरारी जीत जायेगी साइकिल नहीं जितेगी। बताओं हर दिन टीवी पर कौन दिखता था, किसका टीवी था वे हमारे दिमागो मे ंघुसेड दिया। वे हमारे दिगाम में टीवी और मोबाइल से खेले। इसलिए हम गरीब, किसान और मजदूरों से कहना चाहते हैं कि हम इस लड़ाई को नहीं समझ पाए, जिस दिन हम इस लड़ाई को समझ जाएंगे उस दिन जीत जाएंगे। हमारे बलिहारी बाबू ने सही कहा जो जगाता है वही मार दिया जाता है। मुर्गे ने जगाया और मार दिया गया। यह पहली बार नही हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सच उजागर करने वाले समाजवादियों की हत्या की जा रही है। पूर्वाचल एक्सप्रेस वे हमारा है लेकिन उसे उसमें से समाजवादी हटा दिया गया। दावा किया जा रहा है कि अगस्त 2020 तक इसपर यातायात शुरू हो जाएगा लेकिन हमने आते हुए देखा है कि केवल हवाई पट्टी के पास थोड़ा बोल्डर पड़ा है और कहीं कोई काम नहीं हुआ है। झूठ बोलने वाले लोग कहते थे हम महंगी सड़क बना रहे है। अभी सुना है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का बजट 23 हजार करोड़ पहुच गया है। अखिलेश ने दावा किया कि यदि 2022 में उनकी सरकार बनी तो एक्सप्रेस को और भी सुंदर बनाकर दिखाएंगे।