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उच्च न्यायालय के फैसले पर टिकी दावेदारों नजर, कई पाले है बड़े बदलाव की उम्मीद

locationआजमगढ़Published: Mar 15, 2021 11:42:44 am

-आरक्षण से नाखुश है एक बड़ा तबका, चाहता है सीटों में बदलाव
-आरक्षण सूची के प्रकाशन के बाद से ही प्रचार में जुटे दावेदार दिख रहे बेचैन
-आरक्षण पर आपत्ति दर्ज कराने वाले 898 लोगों को उम्मीद, कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें मिलेगा मौका

प्रतीकात्मक फोटो

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी पूरे चरम पर है। सभी की निगाह आज आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय में होने वाली सुनवाई पर है। कोर्ट का फैसला क्या होगा। क्या चुनाव टल जाएगा या फिर सरकार के जवाब से कोर्ट संतुष्ट होकर आरक्षण को हरी झंडी देगा इसकी चर्चा चारो तरफ है। वहीं आरक्षण से एक बड़े वंचित वर्ग को कुछ उम्मीदें भी दिखने लगी है। उसे भरोसा है कि कोर्ट के फैसलेे के बाद सीटों में बदलाव जरूर देखने को मिलेगा।

बता दें कि जिले में प्रधान के 1858, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2104, ब्लाक प्रमुख के 22 व जिला पंचायत सदस्य के 84 सीटों के लिए आरक्षण सूची 03 मार्च को जारी की गयी थी। आरक्षण को लेकर 898 लोगों ने आपत्ति दाखिल की थी जिसका निस्तारण किया जा चुका है। प्रशासन 15 मार्च को आरक्षण सूची के अंतिम प्रकाशन की तैयारी कर रहा था कि 12 मार्च को उच्च न्यायालय ने अंतिम सूची जारी किए जाने पर रोक लगा दी।

इसके बाद से ही गांवों का चुनावी माहौल बदला है। विकास भवन पर सन्नाटा पसरा है तो प्रत्याशी संसय में फंसकर प्रचार भी कम कर दिये है। दावतों का सिलसिला भी थम सा गया है। आज कोर्ट में आरक्षण पर सुनवाई होनी है तो सबकी नजर कोर्ट के फैसले पर टिकी है। आरक्षण पर आपत्तियां दर्ज कराने वाले 898 लोगों में नई उम्मीद जगी है। इन्हें भरोसा है कि अगर कोर्ट नए सिरे से आरक्षण का आदेश देती है तो उन्हें फायदा मिल सकता है। ऐसे में वे एक बार फिर सक्रिय हो गए है। सब मिलाकर गांवों का माहौल दिलचस्प हो गया है।

अब तक जो लोग जीत-हार का आंकलन करने में लगे थे, वहीं अब कोर्ट के आदेश के बाद नए दावेदारों की चर्चा शुरू कर दिए हैं। कुछ प्रत्याशी जो प्रचार में लगे थे उनको डर सता रहा है कि कहीं उनकी सीट बदल न जाए। क्षेत्र के कई गांवों में उलटफेर होने के अंदेशा की चर्चाएं चाय-पान की दुकानों पर खूब हो रही है।

BY Ran vijay singh

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