समीक्षा के दौरान क्रय एजेंसी पीसीएफ के पास फिलहाल कोई धनराशि उपलब्ध नहीं पाई गयी। इसपर मण्डलायुक्त ने संभागीय खाद्य नियन्त्रक को निर्देश दिया कि यदि 25 अक्तूबर तक इस एजेंसी के पास धनराशि उपलब्ध नहीं हो पाती है तो 26 अक्टूबर को इनके स्थान पर दूसरी एजेंसी को नामित कर दिया जाय। मण्डलायुक्त ने इसी क्रम में पीसीएफ के आरएम को निर्देशित किया कि तत्काल मुख्यालय से सम्पर्क स्थापित कर वांछित धनराशि अवमुक्त करायें। इसी प्रकार प्राइवेट प्लेयर के माध्यम से धान क्रय के सम्बन्ध में उन्होंने निर्देशित किया कि इनके द्वारा किसी प्रकार की अनियमितता या गड़बड़ी करने पर इनके उत्तरदायित्व निर्धारण आदि के सम्बन्ध में पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जाय।
कमिश्नर ने निर्देश दिया कि सभी क्रय केन्द्रों पर नमीमापक यन्त्रों को चेक कर लें और बैनर भी तत्काल लगा दें। उन्होंने कहा कि खरीद की व्यवस्था पारदर्शी हो और किसी भी किसान को कोई परेशानी या शिकायत नहीं होनी चाहिए। मण्डलायुक्त ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार पंजीकृत किसानों से ही धान क्रय किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि जिन कृषकों का अभी तक पंजीयन नहीं हो सका है वे तत्काल आॅनलाइन पंजीयन करा लेें। इसके साथ ही उन्होने कहा कि यह भी व्यवस्था दी गयी है कि पंजीकृत किसान अपना धान मण्डल के अन्तर्गत अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी क्रय केन्द्र पर बेच सकते हैं।
मण्डल में खरीद का जनपदवार लक्ष्य, कुल क्रय एजेन्सियों की संख्या और कुल क्रय केन्द्रों के सम्बन्ध में जानकारी करने पर संभागीय खाद्य नियंत्रक सत्यभान ने बताया कि शासन द्वारा मण्डल में कुल 385700 एमटी धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें आजमगढ़ का लक्ष्य 98600 एमटी, मऊ का 79100 और बलिया के लिए 208000 एमटी का लक्ष्य शामिल है। इसी प्रकार मण्डल में खाद्य विभाग, पीसीएफ, यूपी एग्रो, कर्मचारी कल्याण निगम, एनसीसीएफ, नैफेड, भारतीय खाद्य निगम व प्राइवेट प्लेयर आदि क्रय एजेंसियों द्वारा कुल 153 क्रय केन्द्र स्थापित किये जायेंगे, जिसमें आज़मगढ़ में 46, मऊ में 60 और बलिया में 47 केन्द्र सम्मिलित हैं। संभागीय खाद्य नियन्त्रक ने यह भी बताया कि शासन द्वारा इस वर्ष धान का मूल्य 1550 रुपये प्रति कुन्टल निर्धारित किया गया है।
मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी क्रय केन्द्र समय से खुलने चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि यदि कोई भी क्रय केन्द्र विलम्ब से खुलने या समय से पहले बन्द पाया जाता है तो सम्बन्धित के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि 31 अक्टूबर से सभी क्रय केन्द्रों पर कम से कम पांच लाख रुपये उपलब्ध होने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी किसान का गत वर्ष का कोई बकाया हो तो तत्काल उसका भुगतान सुनिश्चित किया जाय। इस दौरान पर क्षेत्रीय प्रबन्धक पीसीएफ डीएन सिंह, यूपी एग्रो के राम अवतार, एफसीआई के आकाश कुमार सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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