जबकि इस मामले में दो बच्चे चश्मदीद गवाह भी हैं। जिनका अस्पातल में इलाज चल रहा है और घटना के दिन ही पुलिस ने दावा किया था कि मृतक की घायल पुत्री से सुरग मिले है और गांव के तीन लोग ही इस घटना में शामिल हो सकते है लेकिन 72 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। फिर भी पुलिस का दावा है कि कानून व्यवस्था चुस्त दुरूस्त है। कुछ घटनाएं हो रही है तो उसका खुलासा भी हो रहा है। लेकिन पुलिस के पास इस बात का जवाब नहीं है कि तेहरा हत्याकांड कब खुलेगा।
बता दें कि मुबारकपुर थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर ग्रामसभा के भरौलिया पुरवा निवासी इरफान गांव के बाहर मकान बनवाकर परिवार के साथ रहता था। 24/25 नवंबर की रात बदमाशों नेघर में घूसकर इरफान उसकी पत्नी सादिया व चार माह की मासूम पुत्री की हत्या कर दी थी। जबकि उसकी दस वर्षीय पुत्री असरा व चार वर्षीय पुत्र नूरअयान को घायल कर दिया था।
सोमवार की सुबह घटना की जानकारी होने पर डीआईजी, एसपी सहित जिले के अधिकारी डाग स्क्यायड टीम, फारेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे लेकिन कोई सुराग नहीं जुटा पाए। यहीं नहीं कुछ घंटों बाद पुलिस ने दावा किया कि मृतक की घायल पुत्री असरा से उन्हें क्लू मिला है और गांव के ही तीन लोगों पर हत्या का संदेह जताया गया था।
वहीं पुलिस पहले दिन से ही घटना को यौन अपराध से जोड़कर देख रही है लेकिन 72 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। जबकि खुद पुलिस दोनों बच्चों को चश्मदीद मान रही है। केवल मुबारकपुर थाने की बात करें तो एक माह में तीन वारदातों में यहां छह लोगों की हत्या हो चुकी है। पुलिस ने दो मामलों का खुलासा कर दिया है लेेकिन हत्यायों के सिलसिले को रोकने में पूरी तरह नाकाम हैं। इसके बाद भी चुस्त दुरूस्त कानून व्यवस्था का दावा किया जा रहा है।