बता दें कि तरवां थाना क्षेत्र के जमुआं गांव निवासी माफिया अखंड प्रताप सिंह हत्या के मामले में जेल में बंद है। अखंड प्रताप सिंह को प्रदेश स्तर पर चिह्नित किया गया है। पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में भी उसे नामजद किया गया है। पुलिस माफिया के गिरोह को समाप्त करने के लिए लगातार कार्रवाई में जुटी है। इसी क्रम में माफिया गैंग के सदस्य अमित सिंह निवासी टोडरपुर थाना मेंहनगर के विरुद्ध दो मुकदमें पंजीकृत हैं तथा लोगों से मारपीट एवं लूट जैसे अपराध किया है। उसके आपराधिक कृत्यों से आम जनता काफी भयभीत रहती है। इसी गांव के सुनील सिंह के विरूद्ध दो मुकदमंे पंजीकृत हैं तथा लोगों से मारपीट एवं लूट जैसे अपराध के कारण जनता काफी भयभीत रहती है।
चंदन सिंह के विरुद्ध तीन मुकदमे पंजीकृत हैं। वह भी लोगों से मारपीट एवं लूट जैसे जघन्य अपराध कारित किया है। पुलिस का कहना है कि तीनों के आपराधिक कृत्यों से आम जनता काफी भयभीत रहती है इसलिए स्वतंत्र रहना जनहित में ठीक नही है। इसी तरह इंद्रेश यादव निवासी भीखपुर, फूलपुर के विरुद्ध 14 मुकदमे पंजीकृत हैं। इंद्रेश यादव पर पूर्व में गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई है। वह चोरी, लूट व हत्या के प्रयास जैसे कई जघन्य अपराध कर चुका है। उसके कृत्यों से आम जनता काफी भयभीत रहती है इसलिए उसका स्वतंत्र रहना जनहित में ठीक नहीं है। उसने 23 अगस्त को कोतवाली क्षेत्र के ग्राम हीरापट्टी में सुबह टहलने जा रही एक महिला के गले से सोने के चेन की छिनैती, 29 अगस्त को पुलिस पार्टी पर फायर भी किया था। परवेज निवासी बड़सरा खालसा थाना कप्तानगंज के विरुद्ध कप्तानगंज थाने में हत्या का मुकदमा पंजीकृत है। उससे आम जनता काफी भयभीत रहती है। ऐसे में इसका भी स्वतंत्र रहना जनहित में ठीक नहीं है।