24 घंटे बिजली की जगी उम्मीद :- वर्ष 2012 में यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी और 2014 में मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ के सांसद। मुलायम सिंह के सांसद बनने के बाद यहां 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की घोषणा के साथ ही शहर में भूमिगत केबिल का प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ। लोगों को लगा कि अब शहर में न केवल चोरी रुक जायेगी बल्कि फाल्ट की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा। उस समय ऊर्जा मंत्री भी जिले का होने के कारण उम्मीद और बढ़ गयी थी कि कम से कम अपने जिले में बेहतर काम करायेंगे। ठेका भी मंत्री के खास को मिला।
सड़क किनारे लगे बाक्स हैं खुले :- वर्ष 2014-15 में 74 करोड़ रुपए की लागत से परियोजना शुरू हुई। इसे पूरा होने में दो साल लग गए। उपभोक्ताओं के घरों तक बिजली आपूर्ति के लिए केबल और बाक्स लगाने में मानक की ऐसी अनदेखी की गई कि योजना अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकी। शहर के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया जाए तो जगह-जगह सड़क तक फैली कटी केबल शासन-प्रशासन और बिजली विभाग को आईना दिखा रही है। उपभोक्ताओं के घरों के सामने सड़क किनारे लगे बाक्स खुले मिलेंगे। भूमिगत केबल फेल होने का नतीजा रहा कि एलटी के तार व जर्जर पोल नहीं हटाए गए। हालत यह है कि जरा सी असावधानी पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
कई कई दिन आपूर्ति रहती है ठप :- आए दिन निराश्रित पशुओं को करेंट से मरने की सूचना मिलती रहती है। यही नहीं सिधारी आदि क्षेत्रों में भूमिगत केबिल में आये दिन फाल्ट आ रहा है। इससे कई कई दिन आपूर्ति ठप रहती है। अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल प्रथम अशोक कुमार का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण के कारण विद्युत तार को सही करने का काम चल रहा है। इसके बाद मरम्मत का काम चलेगा।