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आजमगढ़

BJP ने खोजी समाजवादी पार्टी के गठबंधन की काट, पिछड़ों में पैठ बनाने की नई रणनीति

इन नेताओं को आगे कर बीजेपी पिछड़ों को साधेगी।

आजमगढ़Sep 23, 2018 / 04:29 pm

रफतउद्दीन फरीद

Akhilesh Yadav Narendra Modi

अखिलेश यादव और नरेन्द्र मोदी

आजमगढ़. विपक्ष की घेरेबंदी से परेशान बीजेपी को तगड़ा झटका उसकी सहयोगी पार्टी जनवादी सोशलिस्ट देने जा रही है। यह दल समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर मऊ जिले के घोसी सीट से अपना प्रत्याशी उतार सकता है। इससे बीजेपी की चुनौती बढ़नी तय है। कारण कि पिछले चुनाव में अति पिछड़ों की लामबंदी के कारण ही बीजेपी पूर्वांचल में विपक्ष का सूपड़ा साफ करने में सफल रही है। अब पिछड़ों को छिटकता देख पार्टी अपने उन नेताओं को आगे करने जा रही है जो अति पिछड़ों के बीच पैठ रखते है और जनवादी पार्टी जैसे छोटे दलों के प्रभाव को रोक सकते हैं।
बता दें कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में चैहान, कुर्मी, लोहार, मौर्या, राजभर आदि अति पिछड़ी जातियों के लोगों ने खुलकर बीजेपी का समर्थन किया था। परिणाम था कि पूर्वांचल में आजमगढ़ सीट छोड़ दी जाय तो कई विपक्ष का खाता नहीं खुला था। आजमगढ़ सीट पर भी सपा को जीत इसलिए मिल गयी थी क्योंकि यहां से खुद मुलायम सिंह यादव मैदान में उतरे थे। वर्ष 2019 के चुनाव को जीतकर दोबारा सत्ता हासिल करना है तो बीजेपी को अपना पुराना प्रदर्शन दोहराना पड़ेगा लेकिन बीजेपी की मुश्किल दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
एक तरफ विपक्ष लामबंद है और तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को मात दे चुका है तो दूसरी तरफ बीजेपी के अपने सहयोगी उसका साथ छोड़ते जा रहे है। जो साथ में है उनके तेवर भी सरकार के प्रति तीखे है। संगठन में भी रार साफ दिख रहा है। ऐसे में बीजेपी की राह और भी मुश्किल होती दिख रही है। अब बीजेपी इन दलों का विकल्प ढ़ूढ़ने में जुटी है। शिवपाल यादव के मैदान में आने और सभी अस्सी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद बीजेपी को राहत मिली है लेकिन पूर्वांचल अब भी पार्टी के लिए कमजोर कड़ी बना हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी पर अति पिछड़ों, अति दलितों को सामाजिक न्याय के नाम पर वोट मांगने व बाद में धोखा देने का आरोप लगाते हुए जनवादी पार्टी सोशलिस्ट ने महागठबंधन में शामिल होने का एलान कर दिया है। यह पार्टी 11 नवंबर को रेलवे मैदान में सम्राट पृथ्वीराज चैहान जन स्वाभिमान रैली का आयोजन करेगी जिसमें बतौर मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल होंगे। माना जा रहा है कि जनवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह चैहान और अखिलेश उसी दिन गठबंधन अथवा जनवादी पार्टी के सपा में विलय की घोषणा करेंगे। इसके बाद घोसी सीट जनवादी पार्टी को दी जा सकती है। यहां से बीजेपी के हरि नारायण राजभर सांसद है। इस सीट पर चुनाव वही जीत सकता है जिसके साथ अति पिछड़े खड़े हो। मतों का बटवारा होने पर सीधा लाभ सपा और बसपा को होगा।
बीजेपी अब इसका काट खोजने में जुटी है। इसके लिए अति पिछड़ों में गहरी पैठ रखने वाले प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चैहान को पार्टी आगे कर सकती है। दारा सिंह चैहान बसपा के संस्थापक सदस्यों में रहे है और उनकी पिछड़ों में गहरी पैठ है। इसके अलावा पूर्व सांसद रमाकांत यादव को भी पार्टी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। वैसे पार्टी रमाकांत यादव को पूर्व में भी स्टार प्रचारक बना चुकी है। लोकसभा चुनाव में दोनों नेताओं को फिर बड़ी जिम्मेदारी सौंप पार्टी पिछड़ों को अपने पक्ष में लामबंद करने का प्रयास करेगी। माना तो यहां तक जा रहा है कि इन नेताओं का कद पार्टी में भी बढ़ाया जा सकता है। वैसे रमाकांत यादव वर्षो बाद सक्रिय भी हो गये है। अब वे छोटे बड़े हर कार्यक्रम में नजर आने लगे है। यदि ये दोनों नेता मैदान में उतरते हैं तो निश्चित तौर पर पार्टी को लाभ मिलेगा।
By Ran Vijay Singh

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