बता दें कि नब्बे के दशक में बहुजन समाज पार्टी ने तिलक तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार का नारा बुलंद किया था। उस समय बसपा के प्रति दलितों की लामबंदी तो हुई लेकिन सवर्ण और वैस्य मतदाता पूरी तरह पार्टी से दूूर हो गए थे। इसका मायावती को नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बाद बसपा ने ब्राह्मणों को साधने के लिए हाथी नहीं गणेश है ब्रह्मा विष्णु महेश है का नारा दिया। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में हाथी नहीं गणेश है ब्रह्मा विष्णु महेश है, चढ़ गुंडों की छाती पर मोहर लगाओ हाथी पर नारा काफी सफल रहा। बसपा यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही।
बसपा सरकार में हुए घोटाले व आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद मुस्लिम मतदाताओं की नाराजगी तथा ब्राह्मण भी बसपा का साथ छोड़ दिये। जिसका फायदा सपा को मिला और पहली बार सपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन गयी। वर्ष 2014 से अब तक ब्राह्मण बीजेपी के साथ खड़ा है। आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब ब्राह्मणों के अपने पाले में करने के लिए मायातवी एक बार फिर पूरी ताकत से मैदान में उतर गयी है। जिम्मेदारी सतीश मिश्र को सौंपी गयी है। गुरुवार को आजमगढ़ में आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में उन्होंने बीजेपी सरकार पर न केवल हमला बोला बल्कि ब्राह्मणों का दुश्मन करार दिया।
अब बीजेपी ने भी पलटवार शुरू कर दिया है और तिलक तराजू और तलवार के नारे को याद दिलाकर ब्राह्मणों की दुखती रग पर हाथ रखने की कोशिश भी शुरू कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व पंचायत प्रकोष्ठ के प्रभारी रमाकांत मिश्र का कहना है कि ब्राह्मण अच्छी तरह से जानता है कि उसका हित कहां है। किसने उनके लिए काम किया है। बसपा के सारे दाव चुनाव में फेल हो जाएंगे। अभी प्रदेश के लोग बसपा के तिलक तराजूू के नारे को भूले नहीं है। सपा बसपा को जब वोट लेना होता है तभी ब्राह्मणोें की याद आती है।