बताते हैं कि जेल के बैरिग नंबर पांच में शुक्रवार की रात बिस्तर लगाने को लेकर बंदी अतहर पुत्र अलाउद्दीन, अकबर पुत्र समसाद, आमिर पुत्र जुल्फिकार, उमर पुत्र समशाद, अकरम पुत्र समसाद, आफताब पुत्र समसुद्दीन व अंगद पुत्र मुन्नीलाल ने हत्या के प्रयास के आरोप में जेल में बंद अहरौला थाना क्षेत्र के गहजी गांव निवासी विनय पांडेय पर हमला कर गंभीररूप से घायल कर दिया था। रात में जेल अधिकारियों ने किसी तरह मामले को शांत कराकर उक्त आरोपियों के खिलाफ इटौरा पुलिस चौकी पर एफआईआर दर्ज करा दी थी।
इसकी जानकारी होने के बाद आरोपी भड़क गए और मामले को सांप्रदायिक रंग देते हुए शनिवार की अपराह्न फिर बवाल कर दिया। इसकी जानकारी होने पर एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह, एसपी सिटी कमलेश बहादुर सिंह रानी की सराय, सिधारी थाने की पुलिस, एसओजी तथा स्वाट टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने तीन बजे से पांच बजे तक जेल के भीतर मामले को सुलझाने का प्रयास किया। साथ ही गहन तलाशी करायी। तलाशी में दो मोबाइल भी बरामद किये गये। अधिकारी करीब 5.30 बजे मुख्यालय लौट आए।
देश शाम फिर बंदियों ने बवाल शुरू कर दिया। जानकारी होने पर डीएम एसपी सहित जिले के अधिकारी और कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गयी। सूत्रों के मुताबिक जेल के भीतर बंदियों में जमकर मारपीट हुई। इस दौरान फायरिंग की आवाज भी बाहर सुनी गयी लेकिन पुलिस ने इस तरह की किसी घटना से इनकार किया है। यहीं नहीं कहा तो यहां तक जा रहा है कि बवाल को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस तक का प्रयोग करना पड़ा है। एसपी सिटी के मुताबिक ममाले की जांच के आदेश दे दिये गए है। डीएम एसपी अब भी जेल के भतीर है।
By Ran Vijay Singh