बताते हैं कि गुरुवार की शाम करीब पांच बजे सठियांव ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी शांति शरण सिंह चार पांच अलसहाधारियों के साथ विकास भवन पहुंचा। कर्मचारियों का आरोप है कि शांति शरण सिंह ने पंचायत चुनाव में आरक्षण का डाटा व गोपनीय दस्तावेज मांगने लगा। जब कार्यालय में तैनात कर्मचारी लालबिहारी ने अभिलेख देने से मना किया तो तो शांति शरण सिंह आक्रोशित हो गये।
उसने लालबिहारी को गाली-गलौज देनी शुरू कर दी। इस दौरान उसने कर्मचारी के साथ अभद्र व्यवहार किया और बर्बाद करने की धमकी देने लगा। दूसरे कर्मचारियों के बीच बचाव का प्रयास किया तो वह उनसे भी भिड़ गया। यही नहीं उसने राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामजनम प्रसाद रावत के साथ भी अभद्र व्यवहार किया और धमकी देते हुए अपने असलहाधारी साथियों के साथ लौट गया।
इसके बाद कर्मचारियों ने सीडीओ व अन्य अधिकारियों से मिलकर सेक्रेटरी की शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे नाराज कर्मचारियों ने शुक्रवार को कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गये। कर्मचारियों ने आरोपी सीक्रेटरी के निलंबन और मुकदमा दर्ज किये जाने की मांग कर रहे है। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से पंचायत चुनाव के ही नहीं बल्कि अन्य कार्य भी पूरी तरह ठप है। कर्मचारी गेट पर इस तरह बैठे है कि कोई भीतर प्रवेश न कर सके।
इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी आनन्द शुक्ला का कहना है कि कर्मचारियों ने घटना की जानकारी दी है। सीक्रेटरी शांति शरण सिंह कुछ असलहाधारियों के साथ आये और कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया। इस मामले में अपर डीपीआरओ को प्रभावी कार्यवाई के निर्देश दिये गये है। उन्होने कहा कि अब विकास भवन में यह सुनिश्चित किया जायेगा कोई भी असलहाधारी अंदर न आ सके। इसके लिए व्यवस्था की जा रही है।
BY Ran vijay singh