scriptमुस्लिम मतदाताओं को साधने में जुटी मायावती के पास नहीं बचा कोई बड़ा चेहरा | BSP shock before UP assembly election 2022 Muslim face left | Patrika News
आजमगढ़

मुस्लिम मतदाताओं को साधने में जुटी मायावती के पास नहीं बचा कोई बड़ा चेहरा

दलित, मुस्लिम व ब्राह्मण मतों के भरोसे यूपी की सत्ता हासिल करने की कोशिश में जुटी बसपा मुखिया मायावती की मुश्किल बढ़ती जा रही है। वर्तमान में बसपा के पास एक भी ऐसा मुस्लिम चेहरा नहीं है जिसके दमपर वे मुस्लिम मतदाताओं को साध सकें। पहले नसीमुद्दीन और जमाली के के साथ छोड़ने के बाद बसपा का मुस्लिम मतों पर दावा कमजोर हुआ है। अगर जमाली सपा में शामिल होते हैं तो बसपा मुखिया की मुश्किल और बढ़ जाएगी।

आजमगढ़Dec 04, 2021 / 12:46 pm

Ranvijay Singh

बसपा मुखिया मायावती

बसपा मुखिया मायावती

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. पिछले 10 वर्षों से यूपी की सत्ता से दूर बसपा मुखिया मायावती की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी दलित, मुस्लिम मतों के गठजोड़ के जरिये यूपी विधानसभा चुनाव 2022 जीतकर सत्ता हासिल करने की कोशिश में जुटी है। पार्टी नेे ब्राह्मों को साधने के लिए सतीश चंद्र मिश्र को लगा दिया है लेकिन पार्टी के पास एक भी मजबूत मुस्लिम चेहरा नहीं बचा है जो मतदाताओं पर प्रभाव डाल सके अथवा जिसके जरिए मायावती मुस्लिम वोट बैंक को साध सकें। खासतौर पर गुड्डू जमाली के साथ छोड़ने के बाद पार्टी की मुश्किल और बढ़ गयी है।

गौर करें तो कभी सपा के पास आजम खां तो बसपा के पास नसीमुद्दीन सिद्दीकी बड़ा मुस्लिम चेहरा हुआ करते थे। पिछले चुनाव में ही नसीमुद्दीन ने बसपा का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वर्ष 2022 के चुनाव से पूर्व पिछले दिनों मायावती ने आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर सीट से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को विधानमंडल का नेता बनाकर मुस्लिम समुदाय को बड़ा मैसेज देने का प्रयास किया था। कहीं न कहीं मायावती अपने दाव में सफल भी रही थी। पूर्वांचल के मुसलमानों में जमाली के प्रोन्नति का प्रभाव पड़ा था लेकिन मायावती का यह दाव भी अब फेल हो चुका है।

गुड्डू जामली बसपा में सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। हाल में मायावती ने जिस तरह से जमाली पर हमला बोला उससे साफ है कि अब जमाली की बसपा में वापसी संभव नहीं है। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी जमाली के अगले कदम का इंतजार कर रही है। हाल में आजमगढ़ आए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने स्वयं जमाली की तारीफ कर पार्टी में आने पर उनके स्वागत की बात कही थी। चर्चा भी है कि जमाली समाजवादी पार्टी में शामिल होकर राजनीति में नई पारी की शुरूआत कर सकते हैं।

जमाली के बसपा छोड़ने के बाद अब बसपा के पास एक भी बड़ा मुस्लिम चेहरा नहीं बचा है। पूर्वांचल में दो दर्जन से अधिक सीटे ऐसी है जिसपर मुस्लिम वोट निर्णायक साबित होता रहा है। केवल आजमगढ़ जिले की चार व मऊ की एक सीट पर हमेंशा से मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में रहा है। ऐसे में मायवती की मुश्किल बढ़नी तय मानी जा रही है। कारण कि बिना मुस्लिम मतोें के सहयोग के सपा या बसपा के लिए पूर्वांचल में जीत हासिल करना आसान नहीं होगा।

Home / Azamgarh / मुस्लिम मतदाताओं को साधने में जुटी मायावती के पास नहीं बचा कोई बड़ा चेहरा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो