तरवां थाना क्षेत्र के रहने वाले डा. मनोज कुमार श्रीवास्तव का तरवां बाजार में निजी अस्पताल है। इस अस्पताल का आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने बाद प्रमाण पत्र लेने जब वह सीएमओ कार्यालय में पहुंचे तो वहां पर तैनात लिपिक आरके सिंह ने पांच हजार रूपये की मांग की। इसके बाद डा. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाली गैर राजनीतिक संगठन प्रयास से संपर्क किया। प्रयास अध्यक्ष रणजीत सिंह एवं डा. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बीते शुक्रवार को गोरखपुर स्थित एंटी करप्शन कार्यालय पहुंचकर टीम को पूरी जानकारी दी।
एंटी करप्शन टीम ने रिश्वतखोर लिपिक को पकड़ने के लिए 22 फरवरी का दिन निर्धारित किया। तय समय के मुताबिक एंटी करप्शन के प्रभारी निरीक्षक रामधारी मिश्रा अपनी टीम के साथ जिलाधिकारी से मिलने के बाद दो सरकारी गवाहों को लेकर सीएमओ कार्यालय पहुंचे। जहां पर डा. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने लिपिक आरके सिंह को पांच हजार रूपये पकड़ाया। लिपिक आरके सिंह ने जैसे रूपया लिया टीम ने उसे दबोच लिया।
लिपिक के गिरफ्तार होते ही सीएमओ कार्यालय में हड़कम्प मच गया। कर्मचारियों ने गिरफ्तारी का विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद किसी तरह एंटी करप्शन गोरखपुर की टीम आरोपी को शहर कोतवाली ले आयी। यहां विधिक कार्रवाई के बाद लिपिक को लेकर गोरखपुर के लिए रवाना हो गयी।
विजलेंस के निरीक्षक रामधारी मिश्र ने बताया कि पीड़ित डाक्टर की शिकायत के बाद टीम यहां पहुंची और सरकारी गवाहो के साथ सीएमओ कार्यालय के लिपिक को रंगे हाथ पांच हजार रूपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
BY Ran vijay singh