शहर के एक होटल में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि निरहुंआ ही नहीं, हम जैसे कलाकार शुरू से ही चौथे स्तम्भ के शुभचिंतक रहे है क्योंकि पत्रकार तबका खुद कलाकारों को आगे बढ़ाने का कार्य करता रहा है, ऐसे परम सहयोगियों को हम अशब्द क्यों कहेंगे। उन्होंने कहा कि शशिकांत सिंह पीआरओ का काम पत्रकारिता के आड़ में करता है। जो खुद कभी निरहुवा का पीआरओ था लेकिन उनके गलत कृत्य से तंग आकर उसे हटा दिया। इसी से खार खाये शशिकांत सिंह उनके बारे में अनाप-शनाप लिखना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब देश में भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा तय होनी चाहिए। बार्डर फिल्म में पूर्वांचल से 30 कलाकार व आवा फिल्म संस्थान आजमगढ़ से 14 कलाकार जिसमे आठ कलाकार सिर्फ आजमगढ़ जिले से है।
अश्लीलता के सवाल कहाकि बार्डर जैसी देशभक्ति फिल्म में कौन सी अश्लीलता है, आज यह फिल्म समाज में देश, प्रेम और आपसी एकता को बढ़ावा देने में सफल रही। ईद पर यह फिल्म प्रदर्शित हुई और सुपरहिट हुई। अगर अश्लीलता को रोकना है तो यू-ट्यूब चैनल पर सेंसर बोर्ड होना चाहिए। आज भोजपुरी को एलबम से ज्यादा खतरा है क्योंकि बगैर किसी सेंसर के यह एलबम रिलीज की जाती है। अभी यू ट्यूब पर बेव सीरिज फिल्मों का दौर शुरू हो गया है जिसमे कोई सेंसर नहीं है।
प्रेसवार्ता से पूर्व निरहुआ फैंस क्लब द्वारा एक यात्रा निकाली गयी जो बेलइसा से शुरू होकर कलेक्ट्रेटी कचहरी पहुंचकर समाप्त हुई। जिसमे भारत माता की जय और देश प्रेम नारों के साथ बार्डर फिल्म का प्रमोशन किया गया।
इस डा. अजीत पांडेय, आशुतोष राय, सन्नी शर्मा, प्रहलाद वर्मा, शैलेन्द्र शर्मा, शरद गुप्ता, मोनू विश्वकर्मा, विरेन्द्र यादव, विजय गुप्ता, मुकेश पांडेय, आशीष पांडेय, सुनील यादव, रजनीकांत यादव, वीरेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।