शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद नजम शमीम के नेतृत्व में कार्यकर्ताओें ने शुक्रवार को एडीएम वित्त एवं राजस्व को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से सुरक्षा का एक ही उपाय वैक्सीनेशन है। जबकि मेदी सरकार की वैक्सीनेशन नीति अज्ञानता, भूलों की एक खतरनाक काकटेल है। केंद्र ने जनता को वैक्सीनेशन कराने की योजना बनाते समय अपनें कर्तव्यों को ताख पर रख दिया और जानबूझकर डिजीटल डिवाइड पैदा कर देश में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को धीमी कर दी। सरकार ने अपने लोगों को लाभ पहुंचाने की नियत से एक ही वैक्सीन की अलग-अलग कीमत तय की। जिससे की कुछ लोग आपदा में लूट का आनंद उठा सकें।
उन्होंने कहा कि विश्व के अन्य देश मई 2020 से ही वैक्सीन का आर्डर करना शुरू कर दिये जबकि हमारी सरकार ने अपना पहला आर्डर जनवरी 2021 में दिया। आज तक 140 करोड़ जनता में से मात्र 39 करोड़ वैक्सीन खुराकों का क्रय आर्डर केंद्र व राज्य सरकारों ने दिया हैं। केंद्र सरकार ने जो आकड़े जारी किये है उसके अनुसार 31 मई तक एक व दो डोज खुराक नागरिकों को दिये गये है उनमे कुल 21.31 करोड़ खुराक वैक्सीन लगायी गयी है, जिनमे दोंनों खुराक लगवाने वाले नागरिक मात्र 4.5 करोड यानि कि कुल आबादी का लगभग 3.17 प्रतिशत ही है। वैक्सीनेशन की औसत गति केंद्र सरकार के अनुसार 16 लाख खुराक प्रतिदिन है। इस तरह से तीन वर्ष लग जायेंगे नागरिकों को दोनों खुराक देने में, जो कि चिंताजनक है।
आज देश के नागरिक कोरोना से सक्रमित होकर मर रहे है। इस बीच केंद्र सरकार ने 6.5 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की खुराक अन्य देशों को निर्यात की है जिसकी कीमत देश के नागरिक चुका रहे है। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग किया कि केंद्र सरकार निःशुल्क टीकाकरण हर नागरिकों को दिसंबर 2021 तक आवश्यक लगाये जिसके लिए उसने केंद्रीय बजट में भी 35 हजार करोड़़ की व्यवस्था की है। ज्ञापन सौंपने वालों में मो शाहिद खान, राजा, मो अबसार, रेयाजुल हसन, मेराज कुरैशी, राजू पटेल, हृदेश गुप्ता, हिमांशु मद्धेशिया, राशिद, रहमान, नाजिम, अब्दुर्रहमान, मुन्नू मौर्य आदि शामिल थे।
BY Ran vijay singh