बता दें कि कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने की घोषणा पिछले दिनों सरकार द्वारा की गयी थी। अब इसेे मूर्तरूप दिया जा रहा है। ऐसे बच्चोें को बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद प्रोबेशन विभाग चिन्हित किया गया है। इस बच्चों को विभाग से संचालित बाल देखभाल संस्थाओं में रखा गया है। उनको कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में दिलाई जाएगी। शिक्षा पूरी तरह मुफ्त होगी।
विद्यालयों में तीन माह के अवकाश के दौरान अभिभावक (संरक्षक) को बच्चे की देखभाल के लिए प्रतिमाह चार रुपये की दर से 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष खाते में दिए जाएंगे। यह राशि कक्षा-12 तक या 18 साल की उम्र जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जाएगी। यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हों तो बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए उनको 18 साल का होने तक या कक्षा-12 की शिक्षा पूरी होने तक हर माह 4000 रुपये की धनराशि दी जाएगी बशर्ते बच्चे का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो।
योजना के तहत चिह्नित बालिकाओं के शादी के योग्य होने पर शादी के लिए 1.01 लाख (एक लाख एक हजार रुपये) दिए जाएंगे। श्रेणी में आने वाले कक्षा नौ या इससे ऊपर की कक्षा में या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 साल तक के बच्चों को टैबलेट व लैपटाप की सुविधा दी जाएगी। सरकार ऐसे बच्चों की चल-अचल संपत्तियों की सुरक्षा स्वयं करेगी। जिला प्रोबेशन अधिकारी बीएल यादव ने बताया कि कोविड काल में माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले इन्हीं बच्चों के जीवन को संवारने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की विधिवत शुरुआत करेंगे। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण कलेक्ट्रेट सभागार में दिन में 12 बजे से किया जाएगा।
BY Ran vijay singh