जनपद की सीमा से सटे जौनपुर में स्थित ‘वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय’ के ऊपर अत्यधिक कार्यों के दबाव के कारण आजमगढ़ के शैक्षिक प्रबंधन और गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार नहीं हो सका है।
उन्होंने कहा कि लगभग 60 लाख की आबादी वाला यह जनपद 4054 वर्ग किमी का क्षेत्रफल में फैला है। यहां 22 ब्लाक, 25 थानें, 8 तहसीलं, 2 नगर पालिकां, 11 नगर पंचायतं, 10 विधानसभा व 2 लोकसभा सीटें हैं। इतनी बड़ी आबादी के लिए निजी व सरकारी लगभग 250 महाविद्यालय हैं। जो पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली के अनुसार 100 महाविद्यालयों पर एक विश्वविद्यालय का मानक निर्धारित है। जनपद में विश्वविद्यालय निर्माण हेतु पर्याप्त सरकारी भूमि उपलब्ध है।
सत्येन ने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना से जनपद की सीमा से सटे गाजीपुर, मऊ, अम्बेडकर नगर, गोरखपुर, जौनपुर, आदि जनपदों की लगभग 2 करोड़ की आबादी न केवल लाभान्वित होगी।
हरिकेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की विराट आबादी के लिए राज्यस्तरीय विश्वविद्यालय तो अनेक हैं, लेकिन केन्द्रीय विश्वविद्यालय संभवत बीएचयू व इलाहाबाद हैं। ऐसे में तीसरे केन्द्रीय विश्ववद्यालय की मांग न केवल उचित एवं सार्थक है बल्कि बदलते दौर की आवश्यकताओं के लिए अनिवार्य भी है। ज्ञापन सौपने वालों में तरूण यादव, लोकेश, लालजीत यादव, शिवम गुप्ता, आशुतोष सिंह, कमलेश कुमार, मुकेश यादव, शिवकुमार यादव, अतुल कुमार आदि शामिल थे।