भरथहीं समेंदा ग्राम निवासी 45 वर्षीय महेंद्र यादव पुत्र विश्राम यादव शरीर के बाएं हिस्से से दिव्यांगता का शिकार था। दिव्यांगता के चलते आर्थिक विपन्नता झेल रहा महेंद्र किसी तरह परिवार की आजीविका चलाने को मजबूर था। पत्नी और तीन बच्चों के जीवकोपार्जन के लिए परेशान महेंद्र ने सोमवार की सुबह जीवन लीला समाप्त कर लेने जैसा कड़ा निर्णय ले लिया और घर से निकल गया। क्षेत्र के पैकौली गांव के पास सुबह करीब पांच बजे मऊ की ओर जा रही तमसा पैसेंजर ट्रेन के आगे कूदकर उसने अपनी जान दे दी। दैनिक क्रिया के लिए निकले ग्रामीणों ने शव देखा तो दंग रह गए। मृतक की पत्नी संगीता मूक बधिर है। गांव के लोगों को अब मृतक के तीन बच्चों के भरण पोषण की चिंता सता रही है। घटना की जानकारी सिधारी थाने को दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
संविदा कर्मचारी ने खाया जहर, अन्य कर्माचारियो में भारी आक्रोश वहीं दूसरी तरफ विभागीय उत्पीड़न से परेशान संविदा कर्मचारी जहर खा लिया। इतना ही नहीं वह समय से वेतन नहीं मिलने तथा अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए का आरोप लगाया। बतादें कि जिला अस्पताल में निजी संस्था द्वारा स्वास्थ्य विभाग में संविदा वार्डब्वाय पद पर कार्यरत कर्मचारी ने सोमवार की दोपहर विभागीय प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए विषाक्त पदार्थ निगल लिया। इस बात की जानकारी होते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना को लेकर अस्पताल में कार्यरत संविदा कर्मचारियों में जबरदस्त रोष व्याप्त है।