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आजमगढ़

इस राज्यपाल के बेटे को मिल सकता है टिकट, या फिर बीजेपी खेलेगी नया दांव

राज्यपाल के पुत्र टिकट के माने जा रहे प्रबल दावेदार, बीजेपी के पत्ता खोलने के बाद विपक्ष उतारेगा उम्मीदवार

आजमगढ़Aug 16, 2019 / 11:53 am

sarveshwari Mishra

Fagu Chauhan

Fagu Chauhan

आजमगढ. मंडल की एक मात्र विधानसभा सीट पर होने वाला उप चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। चौहान और राजभर बाहुल्य इस सीट पर वैसे तो सत्ताधारी दल से कई दावेदार टिकट की होड़ में शामिल हो गए है लेकिन बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के पुत्र राम विलास का दावा काफी मजबूत माना जा रहा है। कारण कि यह सीट उन्हीं के पिता के राज्यपाल बनने के बाद खाली हुई है। फागू भी अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बेचैन है। वहीं बीजेपी परिवारवाद के आरोप से बचने और पूर्वाचल के राजभरों को साधने के लिए किसी मजबूत राजभर को मैदान में उतारना चाहती है। रहा सवाल विपक्ष का तो वह बीजेपी के पत्ते खोलने का इंतजार कर रहा है।
बता दें कि मूलरूप से आजमगढ़ के बद्दोपुर के रहने वाले फागू चौहान मऊ जनपद की घोसी सीट से छह बार विधायक रहे है। वे बीजेपी और बसपा की सरकार में मंत्री रहे। वर्ष 2017 में जब यूपी में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो उन्हें पिछड़ी जाति आयोग का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था लेकिन 20 जुलाई को उन्हें बिहार का राज्यपाल बना दिया गया। उनके राज्यपाल बनने के बाद घोसी सीट खाली हो गयी है। अब इस सीट पर उपचुनाव की तैयारी चल रही है।

बीजेपी के लिए यह सीट नाक का सवाल बनी हुई है। कारण कि उन्हीं के एमएलए के राज्यपाल बनने के बाद यह सीट खाली हुई है। यहां चौहान मतों की बाहुलता भी है। फागू के राज्यपाल बनने के बाद चौहान जाति के लोग बीजेपी के प्रति कितना लामबंद हुए हैं यह भी पार्टी देखना चाहती है। वहीं विपक्ष की नजर भी इस सीट पर है। सपा बसपा किसी भी हालत में यह सीट बीजेपी से छीनना चाहती है।
अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए फागू चौहान चाहते है कि टिकट उनके बेटे को मिल जाय। वहीं बीजेपी को लगता है कि वह फागू को महामहिम बनाने के बाद चौहानों के दिल में उतर चुकी है। उसके लिए पूर्वांचल में ओम प्रकाश राजभर की काट खोजनी जरूरी है। कारण कि पार्टी के पास यहां एक मात्र राजभर चेहरा अनिल राजभर है जिन्हें तेज तर्राक नहीं माना जाता। इसलिए पार्टी किसी मजबूत राजभर को यहां से मैदान में उतार कर राजभरों को साधना चाह रही है। रहा सवाल सपा बसपा का तो वे चाहती है कि पहले बीजेपी अपना पत्ता खोले।
BY- Ranvijay Singh

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