बता दें कि पारंपरिक खेती से किसानों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। खास तौर पर पिछले तीन साल सालों में प्राकृतिक आपदा ने किसानों को काफी परेशान किया है। वहीं पारंपरिक खेती में लागत के सापेक्ष उत्पादन भी कम होता है। ऐसे में सरकार व्यवसायिक खेती पर विशेष जोर दे रही है ताकि किसान कम लागत में अच्छा उत्पादन कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकें।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत सरकार किसानों को व्यवसायिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके तहत जिले में मसाला और फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। बागवानी मिशन के तहत जिने में 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर मसालों की खेती का लक्ष्य रखा गया है। इसमें दस हेक्टेयर अनुसूचित जाति जनजाति व 20 हेक्टेयर सामान्य वर्ग के किसानों के लिए आरक्षित है। इस बार जोर मिर्च और धनिया की खेती पर है ताकि किसान को जल्द ही फसल की कीमत मिल सके। करीब 25 हेक्टेयर मिर्च की खेती की जानी है जबकि पांच हेक्टेयर में धनिया की खेती को प्रोत्साहन देने की योजना है। इसके लिए किसानों को 12 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाएगा।
इसके अलावा जिले में फूलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। गेंदा सबसे ज्यादा बिकने वाला फूल है। धार्मिक अवसर हो या सामाजिक कार्यक्रम, इसकी मांग जरूर होती है। इस बार उद्यान विभाग को पांच हेक्टेयर क्षेत्र में गेंदा फूलों की खेती का लक्ष्य तैयार किया है। इसमें एक हेक्टेयर अनुसूचित जाति व चार हेक्टेयर सामान्य वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित लक्ष्य है। इसके लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 16 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। जिला उद्यान अधिकारी का कहना है कि किसान योजना का लाभ उठाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
BY Ran vijay singh