मूलरूप से महराजगंज थाना क्षेत्र के ईश्वरपुर गांव निवासी दलसिंगार यादव ने हाई स्कूल तक शिक्षा हासिल की थी। शिक्षा के दौरान ही वे पंडित उमाशंकर मिश्र व बाबू विश्राम राय के संपर्क में आये और उन्हीं के सानिध्य में राजनीति शुरू की। वर्ष 1969 में पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने इन्हें गोपालपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया और वे चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए।
वर्ष 1970 में दलसिंगार यादव कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने लगातार दो बार उन्हे गोपालपुर से मैदान में उतारा लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 1980 के विधानसभा चुनाव में वे कांग्रेस के टिकट पर गोपालपुर से दूसरी बार विधायक चुने गए। वर्ष 1980 में यूपी में वीपी सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी तो वर्ष 1981 में इन्हें उप पीडब्ल्युडी मंत्री बनाया गया। लेकिन इनका कार्यकाल मात्र एक साल का रहा। वर्ष 1982 में श्रीपति मिश्र यूपी के सीएम बने तो दलसिंगार यादव को मंत्रीमंडल से हटा दिया गया।
इसके बाद वे वर्ष 1991 में जनता दल के टिकट पर गोपालपुर से तीसरी बार विधायक चुने गए। दलसिंगार यादव की गिनती प्रदेश के कद्दावर नेताओं में होती थी। दलसिंगार यादव के चार पुत्रों में तीन ने राजनीति में कोई रूचि नहीं ली लेकिन तीसरे नंबर के दिनेश यादव ने राजनीति को आपना कैरियर बनाया। वर्ष 2007 में दिनेश यादव जनता दल के टिकट पर गोपालपुर से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। बाद में वे भी कांग्रेस का दामन थाम लिए। कांग्रेस ने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में दिनेश को गोपालपुर से प्रत्याशी बनाया लेकिन सपा की लहर में वे कोई करिश्मा नहीं कर पाए।
गुरूवार को दलसिंगार यादव के निधन की सूचना मिलते ही जिले में शोक की लहर दौड़ गयी। दलीय सीमा को भूल लोग शोक संवेदना व्यक्त करने उनके आवास पर पहुंचे। कांग्रेस पीसीसी सदस्य मुन्नू यादव, राम अवध यादव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने पूर्व मंत्री के निधन को पार्टी और समाज के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया।
BY Ran vijay singh