बता दें कि जिला चिकित्सालय में एक्स-रे, सोनोग्राफी, सिटी स्कैन आदि जांच की सुविधा है लेकिन एमआरआइ की सुविधा न होने के कारण मरीजों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। निजी जांच सेंटरोें में जांच के नाम पर मनमानी कीमत वसूली जा रही है जिससे लोगों का आर्थिक शोषण हो रहा है। जिला अस्पातल में एमआरआइ जांच की सुविधा की मांग लंबे समय से चल रही थी।
यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री के सामने भी यह मुद्दा रखा गया था। उन्हें बताया गया था कि जिले में एमआरआइ जांच की सुविधा न होने पर मरीजों को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया जाता है। बाहर मरीजों को जांच में आठ हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं।
जनता की परेशानियों को संज्ञान लेते हुए शासन ने वर्ष 2018-2019 में जिला चिकित्सालय में एमआरआइ कक्ष के निर्माण के लिए 96.46 लाख का बजट जारी किया था। तभी से इसके लिए भवन का निर्माण जारी था अब भवन का निर्माण पूर्ण हो गया है। कुछ छोटे काम बाकी है। जिसे हफ्ते भर में पूरा करने की बात कही जा रही है। माना जा रहा है कि जनवरी माह के दूसरे पखवारे में यहां एमआरआइ शुरू हो जाएगी। इससे आजमगढ़ के साथ ही मऊ, बलिया सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों के मरीजों को राहत मिलेगी।
BY Ran vijay singh