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मुकदमे के अनुसार 27 अगस्त 2009 की सुबह करीब 8ः30 बजे वादी मुकदमा बदरे आलम पुत्र खलील ग्राम बम्हौर थाना मुबारकपुर निवासी अपने भाई सुभान व जावेद के साथ बैठकर बातचीत कर रहा था। वहीं कुछ दूरी पर फुरकान खेल रहा था। इसी दौरान गांव के इश्तियाक पुत्र मुस्तरीक, मुस्तरीक पुत्र खलील, इसरार व इरफान पुत्रगण मकसूद व अब्दुल्लाह पुत्र एकलाख आए और जान से मारने की नीयत से कट्टे से फायर करने लगे। जिससे फुरकान को गोली लग गई। गंभीर रूप से घायल फुरकान को मुम्बई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 19 अक्टूबर 2009 को उसकी मौत हो गई।
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पुलिस ने मुकदमा कायम कर चार्जशीट कोर्ट में प्रेषित कर दिया। एडीजीसी अभयदत्त गोंड व श्रीश चौहान ने कुल 11 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत में आरोपी इस्तियाक, इसरार, इरफान, व अब्दुल्लाह को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ ही 19 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी एनबी राय एडवोकेट ने किया। इस दौरान मुकदमा अभियुक्त मुस्तरीक तथा वादी मुकदमा बदरे आलम की मृत्यु हो गयी। BY- RANVIJAY SINGH